प्रदेश में अब हेपेटाइटिस-सी का इलाज

By: Nov 13th, 2019 12:01 am

आईजीएमसी में मॉडल ट्रीटमेंट सेंटर की शुरुआत, पीजीआई के चक्कर से छुटकारा

शिमला  – अब प्रदेश के मरीजों के लिए हेपेटाइटिस-सी का इलाज लेने के लिए पीजीआई के चक्कर नहीं काटने होंगे। आईजीएमसी में हेपेटाइटिस-सी का अब बेहतर इलाज मिलेगा। अस्पताल में मॉडल ट्रीटमेंट सेंटर फॉर हेपेटाइटिस-सी शुरू कर दिया गया है। यह प्रदेश का इकलौता ऐसा सेंटर शुरू हो गया है, जिसमें लीवर में हुए हेपेटाइटिस-सी का इलाज बेहतर तरीके से शुरू कर दिया गया है। इसके तहत प्रदेश के दस मरीजों को फ्री इलाज मिला है, जिसमें अब उनका स्वास्थ्य बेहतर आंका गया है। प्रदेश के मरीजों के लिए यह एक काफी अच्छी खबर है, जिसमें फ्र ी ट्रीटमेंट दी जानी शुरू की गई है। प्रदेश सरकर के निर्देशों के तहत यह लाभ मरीजों को आईजीएमसी प्रशासन के माध्यम से दिया जा रहा है। प्रदेश में मरीजों के रिकार्ड पर गौर करें, तो हर वर्ष  पचास हेपेटाइटिस-सी मरीज अस्पताल में इलाज करवाने आते हैं, जिसमें आठ से दस मरीजों की हालत काफी खराब रहती है। पहले प्रदेश के किसी भी अस्पताल में ट्रीटमेंट की सुविधा नहीं थी, जिससे मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। हेपेटाइटिस-सी की दवाइयां काफी महंगी हैं, जिससे  निम्न तबके के मरीजों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था। अब सेंटर के खुलने से हर वर्ग के मरीजों को समय पर इलाज मिलेगा। आईजीएमसी के एमएस डा. जनक, प्रिंसीपल डा. मुकुंद और स्टोर प्रशासनिक अधिकारी डा. राहुल गुप्ता का कहना है कि मरीजों को प्रदेश से बाहर इलाज के लिए नहीं जाना पड़ेगा। यह सुविधा मरीजों को आईजीएमसी में शुरू कर दी गई है।

लाखों के खर्च से बचेंगे मरीज

प्रदेश से बाहर इस ट्रीटमेंट में लाखों का खर्चा आता है, लिहाजा अब इस सेंटर के शुरू होने से प्रदेश की जनता को प्रदेश में ही लाभ  मिलेगा और इलाज निःशुल्क भी मिलेगा। बताया जा रहा है कि दो विभागों के तहत यह इलाज मरीजों को मिलने वाला है। इसमें ग्रेस्ट्रोएंट्रोलॉजी-माइक्रोबायोलॉजी विभाग इसमें काम करने वाला है। हेपेटाइटिस-सी एक संक्रमित बीमारी है, जो दूषित खून या फिर दूषित सूई से फैलता है। ऐसा पहली बार है जब आईजीएमसी में हेपेटाइटिस-सी की जांच और उसका इलाज मरीजों के  लिए शुरू किया गया है। यह सुविधा प्रदेश की सभी आय श्रेणियों के लिए उपलब्ध है।


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