फिल्म देखने के ख्याल से रोमांचित थीं शहनाज

By: Nov 16th, 2019 12:14 am

जीवन एक वसंत/शहनाज हुसैन

किस्त-33

सौंदर्य के क्षेत्र में शहनाज हुसैन एक बड़ी शख्सियत हैं। सौंदर्य के भीतर उनके जीवन संघर्ष की एक लंबी गाथा है। हर किसी के लिए प्रेरणा का काम करने वाला उनका जीवन-वृत्त वास्तव में खुद को संवारने की यात्रा सरीखा भी है। शहनाज हुसैन की बेटी नीलोफर करीमबॉय ने अपनी मां को समर्पित करते हुए जो किताब ‘शहनाज हुसैन ः एक खूबसूरत जिंदगी’ में लिखा है, उसे हम यहां शृंखलाबद्ध कर रहे हैं। पेश है तैंतीसवीं किस्त…

-गतांक से आगे…

मिसेज बेग कुछ झिझकीं, वह ऐसे हालात को अपने शौहर की सलाह के बिना संभालने की आदी न थीं, लेकिन वल्ली उस प्रस्ताव से बेहद उत्साहित था, कम से कम कुछ तो मजे की बात होने वाली थी। ‘ओह, वह फिल्म तो मैं भी देखना चाहता था। हमें जरूर चलना चाहिए’, मां को अपनी तरफ करने के लिए उसने जोर दिया। ‘ठीक है, तो तय रहा’, नासिर ने कहा। ‘हम दोपहर के शो के टिकट ले लेंगे।’ मिसेज बेग खामोश ही रहीं- चीजों को अपनी मनमानी दिशा में चलते रहने देने का यह उनका अपना अंदाज था। होटल में, शहनाज फिल्म देखने जाने के ख्याल से ही रोमांचित थीं, हालांकि उन्हें अपनी किस्मत पर भरोसा नहीं हो रहा था। ‘मम्मी को क्या हो गया है?’ उन्होंने वल्ली से पूछा। ‘वह कबसे इस कदर माडर्न हो गई हैं? सोचो वह हमें फिल्म दिखाने ले जा रही हैं।’ अपनी जिंदगी में शहनाज को सिर्फ एक फिल्म देखने की ही इजाजत मिली थी-द किंग एंड आई-वह भी तब जब स्कूल की तरफ से दरख्वास्त की गई थी कि वह शैक्षिक फिल्म है। मसूरी के थियेटर में फिल्म देखने जाने का ख्याल ही पैरिस के मुलीन रूज में घूमने जैसा था। बेहद रोमांचित और ख्वाबों से परे। अलमारी से बहुत से कपड़े निकालकर देखे गए, इस्त्री हुए, पहने और फिर नकार दिए गए, टोनी पर्म सेट बालों को और बाउंस देने के लिए गर्म हो रहा था, जबकि उनकी गंभीर बहन असहमति से उन्हें देख रही थीं, ‘वह ऐसे जा रही है जैसे फिल्म की हीरोइन हो’, मल्लिका ने टिप्पणी की। सईदा बेगम ने लड़कियों को आवाज लगाई कि अब चलने का समय हो गया। जब परिवार तैयार होकर लॉबी में पहुंचा तो, नासिर और उनकी बहन को वहीं इंतजार करते हुए पाया। आपस में बात करते हुए वे लोग मसूरी के छोटे से थियेटर में विलियम होल्डन और जेनिफर जोंस की यादगार रोमांटिक फिल्म देखने के लिए चल दिए। पर्दे पर ब्लैक एंड व्हाइट फिल्म शुरू होने के बाद पूरे समय नासिर की नजर उस सुंदर लड़की पर टिकी रहीं, जिसने उन्हें पूरी तरह सम्मोहित कर लिया था। आज वे बेहद हसीन नजर आ रही थीं। प्रोजेक्टर की झिलमिलाती रोशनी में, आकृतियां रोशनी में नहाई नजर आ रही थीं, मानो अनेक जुगनू अपना रास्ता भटककर वहां आ गए हों। छोटे से थियेटर में घूमती रील की चर्र-चर्र को दबाता हुआ, एंजलबर्ट हम्परडिंक की आवाज ‘एनचांटेड’ गाने लगी ः ‘लव इज मेनी-सप्लेंडर थिंग, इट्स द अप्रैल रोज देट ओनली ग्रोस इन द अर्ली स्पिं्रग, लव इज नेचरस वे आफ गिविंग ए रीजन टू बी लीविंग, यस, ट्रू लवस ए मेनी-सप्लेंडर थिंग।                              -क्रमशः

 

 


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