बिना बिजली के कैसे होगा डिजिटल इंडिया का सपना पूरा
आनी – सूचना क्रांति और डिजिटल इंडिया के इस दौर में बिना बिजली के आगे बढ़ना मुमकिन नहीं है। ऐसे में प्रदेश के शिक्षा विभाग की ओर से सरकारी विद्यालयों में आधुनिक शिक्षा के नाम पर छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है। आज के आधुनिक दौर में ऐसा कोई काम नहीं जो विद्युत के बिना हो सके। मगर जिला कुल्लू के आनी में शिक्षा खंड आनी के राजकीय प्राथमिक पाठशाला जौह एक ऐसा विद्यालय है एजहां अभी तक बिजली जैसी मूलभूत सुविधा नसीब नहीं हुई है। राजकीय प्राथमिक पाठशाला जौह डीपीईपी के तहत 13.06.1997 को खुला है और वर्ष 2012 में विद्यालय में वायरिंग का काम विभागीय दिशा निर्देशों अनुसार किया गया। मगर जब विद्यालय के अध्यापक बिद्युत वायरिंग की रिपोर्ट लेकर विद्युत विभाग के पास गए तो उन्हें यह कहकर बेरंग ही लौटा दिया गया कि विद्यालय के पास विद्युत लाइन नहीं है। जबकि विद्यालय से महज़ 150 मीटर दूरी पर ही बिजली की लाइन गुजर रही हैए तो क्या विभाग एक बिजली का खंभा भी नहीं लगा सकता। विद्यालय प्रशासन का कहना है कि क्या बच्चों को यूं ही अंधेरे में रहकर सर्दी के इस मौसम में पढ़ाई करनी होगी। जबकि विद्यालय प्रशासन और विद्यालय प्रबंधन समिति ने कई बार विद्युत विभाग को इस बारे में सूचित किया औऱ पत्र लिखकर भी विद्युत विभाग व स्थानीय विधायक को अबगत करवाया एलेकिन किसी के कान में जुं तक नहीं रेंगी । शायद इन नन्हें बच्चों की फरियाद सुनने वाला कोई नहीं। एक ओर शिक्षा विभाग कम्प्यूटर शिक्षा, ऑनलाइन क्लासेज, बायोमेट्रिक मशीनों से हाजरी लगाने के साथ-साथ डिजिटल इंडिया के बड़े बड़े दावे करता है, लेकिन धरातल पर स्थिति ऐसी है कि विद्यालय में बिजली तक नहीं है। विद्यालय प्रशासन एएसएमसी और स्थानीय जनता ने विद्यालय में जल्द बिजली का मीटर लगाने की गुहार लगाई है, ताकि बच्चों को इस ठंड के मौसम में पढ़ाई करने में कठिनाइयों का सामना न करना पड़ें।
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