भाजपा चार्जशीट में खुलने लगी कांग्रेस की पोल

By: Nov 28th, 2019 12:30 am

निजी कंपनी के निदेशकों के खिलाफ ऊना थाना में एफआईआर दर्ज

शिमला – भाजपा चार्जशीट में लगे आरोपों की जांच के दौरान अब पूर्व सरकार की पोल खुलने लगी है। भाजपा चार्जशीट से जुड़े तथ्य प्रांरभिक छानबीन में सही पाए जाने पर विजिलेंस ने एक निजी कंपनी के निदेशकों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। यह एफआईआर विजिलेंस के ऊना थाने में दर्ज हुई है। इससे पहले विजिलेंस ब्रेकल कारपोरेशन के खिलाफ शिमला थाने में केस दर्ज कर चुकी है। यह मामला भी भाजपा आरोपपत्र का हिस्सा था। विजिलेंस के ऊना थाने में दर्ज केस के तहत सामने आया है कि एक प्राइवेट लिमिटेड के पक्ष में केसीसी बैंक द्वारा 48.4 करोड़ रुपए का ऋ ण स्वीकृत किया गया था। यह कर्ज ऊना में एक कंपनी के मौजूदा स्टील प्लांट को खरीदने के लिए स्वीकृत हुआ था। स्वीकृत ऋ ण में संयंत्र के संचालन के उद्देश्य से कार्यशील पूंजी के रूप में 15 करोड़ रुपए की नकद क्रेडिट सीमा (सीसीएल) शामिल थी। इसी बीच कंपनी ने सीसीएल को 15 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 25 करोड़  करने की मांग की, जिसे बैंक ने जनवरी 2015 में 5.05 करोड़ रुपए की लागत के दो फ्लैट्स को गांरटी के रूप में रखते हुए मंजूर किया। इसके बाद कंपनी ने फि र से सीसीएल को 25 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 35 करोड़ करने की मांग की। तर्क दिया गया कि उसने 14 करोड़ रु पए प्लांट और मशीनरी को बढ़ाने में निवेश किया है। ऐसे में बैंक ने नवंबर, 2015 में बिलों के आधार पर ऋ ण को मंजूरी दे दी, लेकिन बाद में पाया गया कि कंपनी ने जो बिल प्रस्तुत किए है, वह जाली है। कंपनी से वसूली की कार्रवाई भी जारी है। ऐसे में विजिलेंस ने कंपनी के निदेशकों के खिलाफ  धोखाधड़ी और जालसाजी का मामला दर्ज किया है।

ब्रेकल की जांच जारी

ब्रेकल कारपोरशन से जुड़े मामले में विजिलेंस जांच जारी है। इसके तहत अधिकतर रिकार्ड कब्जे में लिया जा चुका है। आरोप यह भी है कि करोड़ों की परियोजना हासिल करने के लिए बे्रकल कारपोरेशन ने फर्जी दस्तावेज दिए। ब्रेकल ने दावा किया था कि एक बैंक की उनके साथ 45 फीसदी की हिस्सेदारी हैं, लेकिन प्रारंभिक जांच में बैंक ने इस तरह की भागीदारी से इनकार कर चुका है।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App