मछली के पकवान बनाएंगे मछुआरे
बिलासपुर – हिमाचल के गोबिंदसागर और पौंग जलाशयों में मत्स्य कारोबार से जुड़े मछुआरे अब मत्स्य व्यंजन बनाने की ट्रेनिंग प्राप्त करेंगे। इसके लिए नेशनल मिशन फॉर प्रोटीन सप्लीमेंट (एनएमपीएस) प्रोजेक्ट के अधीन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद केंद्रीय मत्स्यिकी प्रौद्योगिकी संस्थान कोच्चि का चार सदस्यीय दल हिमाचल दौरे पर है। गोबिंदसागर व पौंग जलाशयों के लिए ट्रेनिंग का अलग-अलग शेड्यूल तैयार किया गया है। स्वरोजगार की दृष्टि से मछुआरों के लिए यह प्रशिक्षण काफी कारगर सिद्ध होगा। मत्स्य विभाग के निदेशक एवं प्रारक्षी सतपाल मेहता ने बताया कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद केंद्रीय मत्स्यिकी प्रौद्योगिकी संस्थान कोच्चि की चार सदस्यीय टी डा. सीओ मोहन के नेतृत्व में प्रदेश में पहुंची है। इस दौरान गोबिंदसागर, पौंग तथा प्रदेश की दो फिशरीज एस्टेट्स नालागढ़ के रत्योड़ तथा ऊना के कटौहड़कलां के मत्स्य किसानों को मछली के विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाने की विधि सिखाई जाएगी, जिसमें फिश बाउल, फिश पिक्कल, फिश कटलेट, फिश फिल्लेट, फिश फिंगर, फिश समोसा तथा फिश रोल आदि शुमार हैं। उन्होंने बताया कि 11 से 13 नवंबर तक भाखड़ा मत्स्य आवतरण केंद्र में मछुआरों को एवं संबंधित मत्स्य सहकारी सभाओं को इस विधि से अवगत करवाया गया। इसी प्रकार का तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में 14 से 16 नवंबर तक रत्योड़ नालागढ़ में भी प्रारंभ हो चुका है। इसके बाद 18 से 20 नवंबर तक कटौहड़कलां जिला उना में प्रशिक्षण शिविर लगाया जाएगा। पौंग जलाशय के लिए ऐसा शिविर 21 से 23 नवंबर तक खटियाड़ में लगाया जाना प्रस्तावित है।
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