मिड-डे-मील वर्कर्ज को भाया न्यायालय का फैसला
शिमला – हिमाचल प्रदेश मिड-डे-मील वर्कर्ज यूनियन ने प्रदेश उच्च न्यायालय के उस फैसले का स्वागत किया है, जिसमें वर्करों को दस माह की बजाय 12 माह का वेतन देने का फैसला लिया गया है। यूनियन ने राज्य सरकार से मांग उठाई है कि इस फैसले को जल्द लागू किया जाए, ताकि प्रदेश के मिड-डे-मील वर्करों को इसका लाभ मिल पाए। यूनियन की महासचिव हिमी देवी ने आरोप लगाया कि केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा मिड-डे-मील वर्करों की मागों के प्रति अडि़यल रवैया अपनाया गया है। केंद्र सरकार द्वारा पिछले दस वर्षों के दौरान मिड-डे-मील वर्करों के वेतन में एक भी रुपए की बढ़ोतरी नहीं की गई है। उन्होंने मांग उठाई है कि मिड-डे-मील वर्करों को प्रति माह 7500 रुपए वेतन दिया जाए। मिड-डे वर्करों को स्थायी किया जाए। यूनियन ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने उनकी मांगें पूरा नहीं की, तो मिड-डे-मील वर्कर्ज मांगों को लेकर न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे।
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