शिमला में न हों अध्यापक संघ के चुनाव

By: Nov 5th, 2019 12:01 am

पदाधिकारियों ने मंडी, हमीरपुर, बिलासपुर में इलेक्शन की उठाई मांग

कांगड़ा, नगरोटा बगवां – हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के छह जिलों  हमीरपुर, बिलासपुर, कांगड़ा मंडी सोलन और चंबा के प्रधान व महासचिवों की बैठक रानीताल में प्रदेश महामंत्री नरेश महाजन की अध्यक्षता में संपन्न हुई। इस बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि चुनाव आयोग प्रदेशाध्यक्ष के चुनावों में पारदर्शिता से काम नहीं ले रहा। इस बाबत गत 28 अक्तूबर को प्रदेश महासचिव नरेश महाजन ने सदस्यता के बारे में जानकारी चाही, तो उसे धमकी करार देकर समूचे अध्यापक समाज को गुमराह करने की कोशिश की गई। उपरोक्त पदाधिकारियों ने यह भी मांग की है कि समूचे प्रदेश की खंड बार सदस्यता जारी की जाए, क्योंकि प्रदेश के सभी अध्यापकों में यह शंका है कि शिमला जिले में सदस्य सख्या अभी भी बढ़ाई जा रही है साथ ही ऊना  जिले की कुल सदस्य संख्या 1501 हुई है और चुनाव के समय मात्र 36 अध्यापक उपस्थित थे, इस प्रकार वहां का कोरम ही पूरा नहीं हुआ, जो कि असंवैधानिक है। सभी पदाधिकारियों ने एकजुटता से कहा कि शिमला में चुनाव किसी भी सूरत में नहीं होने चाहिए, क्योंकि शिमला के भीड़भाड़ व ठंड के कारण अध्यापकों का वहां पहुंचना मुश्किल है। अतः चुनाव आयुक्त शीघ्र चुनाव मंडी, हमीरपुर या बिलासपुर में करवाने की घोषणा करे। उपरोक्त पदाधिकारियों का यह भी आरोप है संघ के संविधान के साथ छेड़छाड़ करके जिला प्रधानों को शक्तिविहीन कर दिया है। सभी अध्यापकों ने एकमत  होकर कहा कि चुनाव आयुक्त ने उपरोक्त मांगें कल तक नहीं मानीं, तो हम आगामी कार्रवाई हेतु स्वतंत्र होंगे और इसका सारा दायित्व माननीय चुनाव आयुक्त व उनके आकाओं का होगा। इस बैठक में नरेश महाजन, संजय व योगराज, नरेश व संतोष, संजीव, राज,  यशवीर, सुनील, नरोत्तम,  कश्मीरी लाल, अश्विनी, देवराज व  राज के अतिरिक्त अरुण, देवराज, पारस राम, धीरेंद्र, अजय, घनश्याम, सुरिंदर कंदोरिया, रमन, भारती, आशीष, बॉबी, सुदर्शन, मनसा राम, निर्मल आदि मौजूद रहे।


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