सरकारी दवाइयों की दुकान में ताला

By: Nov 17th, 2019 12:20 am

जुब्बल सिविल अस्पताल में सरकारी दवाइयों की दुकान बंद होने से लोगों में रोष

ठियोग –जुब्बल सिविल अस्पताल में सिविल सप्लाई की सरकारी दवाइयों की दुकान चार नवंबर से बंद पड़ी है जिससे स्थानीय जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं। सरकार के इस ढुलमुल रवैये से स्थानीय लोगों में रोष है। यह बात कांग्रेस ज़ोन प्रभारी रिशु तेजटा,  लोकपाल शरखोलि, प्रधान ग्राम पंचायत शिली लोकिंद्र चौहान, महिला कांग्रेस अध्यक्ष जुब्बल अनिता चौहान ने जुब्बल से जारी प्रेस विज्ञप्ति  में कही। उन्होंने कहा कि चिकित्सालय में आने वाले मरीजों को  दोगुनी कीमत चुका कर निजी मेडिकल स्टोर से दवाइयां खरीदनी पड़ रही है। जुब्बल सिविल हॉस्पिटल डाक्टर की भारी कमी से जूझ रहा है आलम यह है चिकित्सालय में एक भी सीनियर डाक्टर मौजूद नहीं है, नौ डाक्टरो के पद स्वीकृत हैं, जबकि पांच डाक्टर के पद खाली पड़े हुए है। स्वीकृत सात नर्सो के पदों में केवल तीन पद ही भरे हुए हैं, जबकि बाकी पद खाली पड़े हुए है। चिकित्सालय की सफ़ाई का भार इकलौते स्वीपर के कंधों पर है, जबकि बाक़ी तीन स्वीपर के पद ख़ाली पड़े है।  एंबुलेंस 108 पिछले कई महीने से खराब पड़ी है, जोकि 15-15 दिनों तक वर्कशॉप पर खड़ी  पाई जाती है। यदि कोई हादसा हो जाये तो अस्पताल के पास कोई भी वैकल्पिक वाहन उपलब्ध नहीं हैं। उन्होंने अस्पताल की  दुर्दशा के लिए बीजेपी सरकार और स्थानीय विधायक नरेंदर बरागटा को जिम्मेदार ठहराया। रिशु तेजटा ने सरकार से जुब्बल सिविल अस्पताल की खस्ता हालत को दुरुस्त करने की मांग की हैं।


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