सर्किल रेट को लेकर कमेंट्स भेजें उपायुक्त

By: Nov 3rd, 2019 12:02 am

शिमला -सड़क के साथ लगती जमीन के सर्किल रेट को लेकर मामला फंस गया है, जो सर्किल रेट हिमाचल में है, वे दूसरे प्रदेशों से ज्यादा हैं, मगर यहां अपनी जमीन देने वाले लोग इस मुआवजे को कम मान रहे हैं और इसके चलते विरोध हो रहा है। ऐसे में सड़कों का निर्माण फंस गया है, जिस पर अब सरकार ने जिलाधीशों से कमेंट्स मांगे हैं। सूत्रों के अनुसार पिछले कल सचिवालय में मुख्य सचिव डा. श्रीकांत बाल्दी की अध्यक्षता में एक अहम बैठक हुई है जिसमें मुआवजे के लिए लागू होने वाले सर्किल रेट पर चर्चा हुई। इस कारण कितने नेशनल हाई-वे इस समय फंसे हुए हैं और कितनी दूसरी सड़कें रुकी हुई हैं, इस पर विस्तार से चर्चा हुई। जिलाधीशों को एक  महीने के भीतर इस मामले में अपने कमेंट्स देने को कहा गया है, जो बताएंगे कि उनके एरिया में सर्किल रेट क्या हैं और उनको किस तरह से रेशनलाइज किया जा सकता है। बताया जाता है कि कई जगहों पर जमीन का अधिग्रहण होता है, वहां पर भी सर्किल रेट वही हैं और जहां पर जमीन का अधिग्रहण नहीं होगा और न ही आगे होने की संभावना है, वहां का भी सर्किल रेट भी वही हैं। ऐसे में सरकार चाहती है कि ऐसे स्थानों में सर्किल रेट को अलग किया जाए। वैसे सड़क से दूरी को ध्यान में रखकर सर्किल रेट तय किए गए हैं लेकिन यहां पर दूसरे राज्यों से यह रेट ज्यादा हैं। इसी कारण से नैशनल हाइवे अथारिटी भी यहां पर नैशनल हाई-वे के निर्माण को हाथ रोक रही है। नेशनल हाई-वे अथारिटी ने प्रदेश सरकार से यह मामला उठाया है, जिसका कहना है कि अधिक सर्किल रेट होने के चलते वह भारी भरकम मुआवजा नहीं दे सकते।   पिंजौर-बद्दी सड़क को लेकर ही एनएच अथारिटी ने कहा है कि उसका निर्माण 300 करोड़ में होगा, लेकिन उसका मुआवजा 1300 करोड़ का बनता है। ऐसे ही मामले कई सड़कों के सामने आ चुके हैं और यहां पर सड़़कों का निर्माण रुक गया है। ऐसे फोरलेन व नेशनल हाई-वे रुके हुए हैं, वहीं स्टेट रोड प्रोजेक्ट में भी दिक्कतें आ रही हैं।

मुआवजे के लिए हो रहे विरोध-प्रदर्शन

फोरलेन निर्माण में भूमि के मुआवजे को लेकर विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं। कीरतपुर-मनाली फोरलेन पर संघर्ष हो रहा है, जिसमें फैक्टर-टू की डिमांड हो रही है। फैक्टर-टू पर सरकार फैसला नहीं ले पा रही, वहीं अब सर्किल रेट को लेकर पचड़ा पड़ गया है।

 

 


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