सांस लेने में तकलीफ हो जाएं अलर्ट

By: Nov 30th, 2019 12:25 am

ऐसे में यह जानना आपके लिए बहुत जरूरी है कि आखिर ऐसा हो क्यों रहा है। आमतौर पर अधिक समय तक एक्सरसाइज करने से सांसें तेज हो जाती हैं, कई लोगों को सीढि़यां चढ़ते वक्त सांस में दिक्कत की समस्या का सामना करना पड़ता है। कई बार ज्यादा तनाव में रहने के कारण भी ऐसी दिक्कत हो जाती है….

सांस की समस्या बुजुर्गों के साथ कम उम्र के युवाओं में भी देखने को मिल रही है। ऐसे में यह जानना आप के लिए जरूरी है कि आखिर ऐसा हो क्यों रहा है।आमतौर पर अधिक समय तक एक्सरसाइज करने से सांसें तेज हो जाती हैं, कई लोगों को सीढि़यां चढ़ते वक्त सांस में दिक्कत की समस्या का सामना करना पड़ता है। कई बार ज्यादा तनाव में रहने के कारण भी ऐसी दिक्कत हो जाती है। यह देखा गया है कि ऐसी स्थितियों में जल्दी ही सब नॉर्मल भी हो जाता है। अगर आप को भी सांस लेने में परेशानी हो रही है, तो ध्यान देना बहुत जरूरी है। आइए जानते हैं फिजीशियन से आखिर क्यों होती सांस लेने में दिक्कत।

कहीं हृदय रोग तो नहीं

दिल की बीमारियों के चलते भी सांस लेने में तकलीफ  हो सकती है। दिल के रोग मसलन, एन्जाइना, हार्ट अटैक, हार्ट फेलियोर, जन्मजात दिल में परेशानी या एरीथीमिया आदि में सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। दिल की मांसपेशियां कमजोर होने पर वे सामान्य गति से पंप नहीं कर पातीं, जिससे फेफड़ों पर दबाव बढ़ जाता है और व्यक्ति को सांस लेने में परेशानी होने लगती है। इसमें पैरों में भी सूजन और रात को सोते वक्त बार-बार खांसी भी आती है।

जब वजन हो ज्यादा

मोटे लोगों को सांस फूलने की बहुत ही ज्यादा समस्या रहती है। वजन बढ़ जाने के कारण सांस के लिए मस्तिष्क से आने वाले निर्देश का पैटर्न बदल जाता है। सीढि़यां चढ़ते-उतरते वक्त अकसर इन की सांसें फूलने लगती हैं।

एलर्जी भी हो सकता है कारण

कई लोगों का इम्युनिटी सिस्टम सेंसिटिव होता है, जिससे उन्हें प्रदूषण, धूल-मिट्टी और जानवरों के बाल आदि से एलर्जी रहने लगती है। ऐसे लोगों को मौसम में बदलाव आने पर एलर्जी का अटैक पड़ने लगता है। सांस लेने में परेशानी होती है। सीने में जकड़न आने लगती है। सांस फूलने लगता है। कभी-कभी यह समस्या गंभीर रूप भी ले लेती है।

जिन्हें अस्थमा है

अस्थमा एक गंभीर बीमारी है। इस में सांस की नली में सूजन आ जाती हैं जिससे सीने में जकड़न, खांसी और सांस लेने में दिक्कत जैसी समस्या शुरू हो जाती है। प्रदूषण और खान-पान में मिलावट के कारण अस्थमा के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। 

इन बातों का रखें ध्यान

घर में पर्याप्त वेंटिलेशन का रखें खास ध्यान। कार्पेट, तकिए और गद्दों पर धूप लगाएं। पर्दों की साफ. सफाई करें। रसोई और बाथरूम में एग्जॉस्ट फैन लगाएं। एसी का इस्तेमाल कम करें। हरी सब्जियों का सेवन अधिक करें। ब्रोकली, गोभी, पत्ता गोभी, पालक और चौलाई को खाने में शामिल करें। प्रदूषण से दूरी बना कर रखें। धूल-मिट्टी वाली जगह पर न जाएं।


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