सिंगापुर से सबक लें

By: Nov 2nd, 2019 12:05 am

-डा. विनोद गुलियानी, बैजनाथ

लोग फुरसत के पल निकाल विदेश घूमने जाते हैं। वहां वे मौज-मस्ती और अपनी थकान मिटाते हैं। परंतु यह चिंता का विषय है कि जहां एक रुपए के बदले सीधे एक डालर यानी 50-55 रुपए हमें खर्च करने पडें, तो विदेशी जेब में धन जाकर उनके नागरिकों की अर्थव्यवस्था ही सुदृढ़ करने में कारगर साबित होता है। हाल ही में परिवार सहित सिंगापुर घूमने का अवसर मिला। वहां की ईमानदारी व अनुशासन के साथ-साथ पर्यटन  से कमाई देख हमें भी कुछ सीखने की आवश्यकता है। बावजूद नगण्य कृषि उत्पादन के सिंगापुर एक प्रथम श्रेणी का देश है। विश्व भर के असंख्य पर्यटक वहां के विकसित पर्यटन स्थल देखने के बहाने हवाई किराया, होटल, खाने-पीने, टूरिस्ट कैव, यूनिवर्सल स्टूडियोज, रात्रि सफारी, ट्राली सवारी, स्काई राइड, समुद्री मच्छली घर, तितली पार्क जैसे आकर्षणों के द्वारा सिंगापुर के प्रत्येक नागरिक को अमीर बनाए हुए हैं। यह सब 1965 के बाद स्वतंत्र होने के बाद के प्रशासक की सूझ-बूझ से संभव हो सका, तो क्या उससे भी पहले 1947 में स्वतंत्र हुए हमारे भारत में यह नहीं हो सकता। वहां से सीख लेकर पर्यटन को विशेष ढंग से विकसित कर धन को बाहर बहने से रोका जा सकता है।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App