हफ्ते भर में बताएं, क्यों नहीं बना मानवाधिकार आयोग

By: Nov 2nd, 2019 12:01 am

हाई कोर्ट के प्रदेश सरकार को आदेश, अब सात नवंबर को होगी अगली सुनवाई

शिमला  – प्रदेश में मानवाधिकार आयोग व लोकायुक्त का गठन न करने पर प्रदेश उच्च न्यायालय ने मामले को बड़ी गंभीरता से ले लिया है। हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिए हैं कि वह एक सप्ताह के भीतर अदालत को बताए कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुसार राज्य में मानवाधिकार आयोग की स्थापना क्यों नहीं की गई। न्यायाधीश धर्म चंद चौधरी ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने जनहित में दायर याचिका की सुनवाई के दौरान अपने आदेशों में स्पष्ट किया कि राज्य सरकार द्वारा निर्धारित समय में जवाब नहीं दायर किया गया तो उस स्थिति में अदालत कड़े आदेश पारित करेगी। मामले पर सुनवाई  सात नवंबर के लिए निर्धारित की गई है। न्यायालय के समक्ष दायर जनहित याचिका में यह आरोप लगाया गया है कि स्टेट हुमन राइट कमिशन वर्ष 2005 से कार्य नहीं कर रहा है। राज्य सरकार की ओर से इसे क्रियाशील रखने के लिए जरूरी पदों पर नियुक्तियां नहीं की गई है जबकि पिछले 15 सालों में तीन बार सरकारी बदल चुकी है जिस से लोगों के अधिकारों का हनन होने की स्थिति में उनको तुरन्त न्याय दिलवाने के लिए कोई उपयुक्त फोरम नहीं है। याचिका में ऐसे कई उदाहरण दिये गए है कि ह्यूमन राइट कमीशन का होने पर लोगों को गुहार लगाने के लिए अदालतों का सहारा लेना पड़ा। इसी तरह राज्य सरकार की ओर से  लोकायुक्त का भी गठन नहीं किया गया है। जिस कारण लोकायुक्त के अधीन आने वाले मामलों पर कोई कार्यवाही नहीं हो पा रही है।


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