अब तक 8180 परिवार ही बसा पाई सरकार
पौंग बांध का 50 वर्ष बाद भी दंश झेल रहा हिमाचल, जवाली के विधायक ने उठाया मसला
धर्मशाला – विधानसभा शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन भी प्रश्नकाल शुरू होने से पहले ही विपक्ष ने मंहगाई और इन्वेस्टर्स मीट को लेकर बड़ा हंगामा करते हुए वाकआउट कर दिया। सत्र के दूसरे दिन सदन के सभा पटल पर प्रश्नकाल के लिए कुल 28 प्रश्र और उनके जवाब रखे गए। विपक्ष के वाकआउट के बाद सदन में मौजूद विधायकों ने सवाल पूछे और उनके उत्तर भी सदन पटल पर संबंधित विभागों के मंत्रियों और मुख्यमंत्री ने रखे। प्रश्नकाल आरंभ होते ही जवाली के विधायक अर्जुन सिंह ने विस्थापितों को राजस्थान में दिए गए पट्टे और इसके स्टेटस के बारे में सीएम से सवाल उठाया। मुख्यमंत्री ने स्थगित तारांकित प्रश्न का जवाब देते हुए कहा कि पौंग बांध विस्थापितों को राजस्थान में बसाने के प्रयास किए जा रहे हैं। अब तक 12 हजार 198 परिवारों को राजस्थान में बसाया जा चुका है। वर्ष 1966 से लेकर 2019 तक 50 वर्षोें में अब तक उक्त लोगों को ही भूमि मिल पाई है। पौंग बांध को निर्माण के समय 20 हजार 722 परिवार प्रभावित हुए थे, जिसमें 16352 की 30 प्रतिशत से अधिक भूमि अधिग्रहण की गई थी, इन परिवारों को जमीन राजस्थान में दिए जाने की प्रक्रिया अब भी चल रही है। इसमें अब भी 4154 परिवारों को अब तक कोई जमीन नहीं मिल पाई है, वहीं इसमें सीएम के जवाब में एक बड़ी बात निकलकर सामने आई है। इसके तहत 12 हजार परिवारों में से भी मात्र 8180 अभी तक बस पाए हैं, जबकि 4018 को राजस्थान द्वारा भूमि ही आंबटित नहीं की जा रही है, वहीं राजस्थान के व्यक्तियों द्वारा भूमि पर कब्जा करने की सूचना भी कोई नहीं मिल पाई है। सीएम ने कहा कि पौंग विस्थापितों के आर्थिक उत्थान के लिए पोडा निधि के तहत राशि खर्च की जा रही है। इसमें 35 हजार से कम आयु के लोगों को सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। इसमें लड़की की शादी को 30 हजार, लड़के की शादी को 25 हजार, मकान की मरम्मत को 25 हजार, इलाज के लिए 10 हजार और उच्च शिक्षा के लिए 15 हजार रुपए भी प्रदान किए जा रहे हैं।
इतने परिवारों को जमीन
1966 107
1967 106
1968 35
1969 35
1970 350
1971 300
1972 316
1973 5801
1974 1930
1975 80
1976 12
1977 71
1978 51
1979 19
1981 21
1982 07
2002 1387
2015 483
2016 743
2017 218
2019 171
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