अवैध हथियार रखने पर उम्रकैद

By: Dec 10th, 2019 12:05 am

लोकसभा ने आयुध संशोधन बिल पास, शादी विवाह के मौकों पर फायरिंग करने पर होगी जेल

नई दिल्ली – लोकसभा ने सोमवार को आयुध संशोधन विधेयक 2019 को मंजूरी दे दी, जिसमें नए अपराधों को परिभाषित करने तथा अवैध हथियारों के निर्माण, विक्रय, आयात..निर्यात से जुड़े अपराधों में दंड में वृद्धि करने का प्रावधान किया गया है। विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 1959 के अधिनियम में कई विसंगतियां थीं और इस विधेयक के माध्यम से उनको दूर किया जा रहा है। इसमें विसंगतियों को खत्म किया जा रहा है तथा खिलाडि़यों को रियायतें दी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि खिलाडि़यों को अभ्यास के लिए हथियारों में कोई कटौती नहीं की गई है। पूर्व सैनिकों के हितों को भी ध्यान में रखा गया है, क्योंकि वे जिम्मेदार नागरिक हैं। उन्होंने कहा कि पहले के कानून में अवैध हथियार रखने और बनाने वालों दोनों के लिए समान सजा का प्रावधान था और छोटे और बड़े हथियारों को लेकर भेद नहीं किया गया था। शाह ने कहा कि गैर कानूनी हथियारों को बेचने और तस्करी करने वालों को आजीवन कारावास का प्रावधान किया गया है। इसमें किसी को आपत्ति नहीं हो सकती है। पुलिस से शस्त्र छीनने वाले और चुराने वालों के लिए भी सख्त कानून का प्रावधान किया गया है। बैन गोला-बारूद रखने वालों को सात से 14 वर्ष की सजा का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि त्योहारों, शादी विवाह के मौकों पर फायरिंग करने वालों को अब जेल जाना पड़ेगा। 2016 में 169 लोगों की ऐसी हर्ष फायरिंग की घटनाओं में जान गई थी।

मालदीव के ससंदीय दल ने देखी कार्यवाही

मालदीव के एक संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को राज्यसभा की कार्यवाही का अवलोकन किया। सभापति एम वेंकैया नायडू ने मालदीव के प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया और उनकी भारत यात्रा की सदन को सूचना दी। उन्होंने कहा कि मालदीव की संसद के स्पीकर मो शहीद के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल सदन की कार्यवाही देखने के लिए यहां आया है। वह उनका स्वागत करते हैं। इसके बाद सभी सदस्यों ने प्रतिनिधिमंडल का मेज थपथपाकर स्वागत किया।

शिक्षा ऋण माफी की सरकार की योजना नहीं

सरकार ने स्पष्ट किया है कि शिक्षा ऋण देश विदेश में पढ़ने वाले छात्रों को उच्च शिक्षा उपलब्ध कराने में मदद के लिए दिया जा रहा है और इससे अब तक लाखों छात्र लाभान्वित हो चुके हैं, लेकिन इस ऋण को माफ करने की उसकी कोई योजना नहीं है। वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में बताया कि योजना के तहत देश में शिक्षा प्राप्त करने के लिए छात्रों को दस लाख तथा विदेशों में शिक्षा के लिए 20 लाख  तक का ऋण दिया जाता है।


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