कांटेदार तारों से महफूज रहेंगे खेत, किसान भाई करें अप्लाई

By: Dec 29th, 2019 12:08 am

80 से 85 प्रतिशत तक की सबसिडी के साथ फार्मर नई सोलर फेंसिंग व कांटेदार तार के लिए आवेदन कर सकते हैं। प्रदेश सरकार ने किसानों की सुविधा के लिए मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना में बदलाव किया है…

हिमाचल में अब कांटेदार तार किसानों की फसलों को बचाएंगी। अहम यह है कि बंदर, से लेकर जंगली जानवर भी इन तारों को तोड़कर फार्मर के खेतों में नहीं जा पाएंगे। फिलहाल कृषि विभाग ने इसके लिए फार्मरों को अक्तूबर अंत तक का समय दिया है। 80 से 85 प्रतिशत तक की सबसिडी के साथ फार्मर नई सोलर फेंसिंग व कांटेदार तार के लिए आवेदन कर सकते हैं। प्रदेश सरकार ने किसानों की सुविधा के लिए मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना में बदलाव किया है। अब इस योजना में सोलर फैंसिंग के अलावा कांटेदार बाड़ लगाने का भी प्रावधान किया गया है। यह कदम किसानों की मांग व सुझावों को देखते हुए उठाया गया है। कृषि विभाग का दावा है कि बेसहारा पशुओं, जंगली जानवरों व बंदरों से फसल को बचाने के लिए शुरू की गई खेत संरक्षण योजना के अंतर्गत अब कांटेदार तार/ चेनललिंक बाड़बंदी के लिए 50 प्रतिशत उपदान देने का प्रावधान किया गया है और 70 प्रतिशत उपदान कंपोजिट बाड़बंदी के लिए किया गया है। इस वर्ष इस योजना पर 35 करोड़ रुपए व्यय किए जाएंगे। किसानों को पहले ही सौर ऊर्जा बाड़बंदी के लिए 80 प्रतिशत व समूह में खेतों की बाड़बंदी करने के लिए 85 प्रतिशत उपदान दिया जा रहा है।

-रिपोर्ट : प्रतिमा चौहान

शिमला-मंडी के बाद हमीरपुर में लें प्योर सब्जियां

हिमाचल में प्राकृतिक खेती के सपने को साकार करने के लिए सरकार ने पूरी ताकत लड़ा दी है। शिमला-मंडी के बाद हमीरपुर में भी यह अनूठी पहल हुई है…

हमीरपुर में शहर में सप्ताह के तीन दिन प्राकृतिक ढंग से तैयार देशी सब्जियों की मार्केट सजेगी। दो दिन बचत भवन व एक दिन हथली पुल पर यह मार्केट सजेगी।  इसमें लोकल किसानों द्वारा तैयार की गई सब्जियां ही सजाई जाएंगी। इस व्यवस्था से जहां किसानों का मनोबल बढ़ेगा, वहीं आर्थिकी भी सुदृढ़ हो जाएगी। शुरूआती चरण में  बचत भवन में लगी सब्जी मंडी की डेढ़ क् िवंटल  सब्जियां हाथों हाथ बिक गई। इसमें 10 किसानों द्वारा तैयार की गई मूली, पालक, मेथी, अदरक, आलू, पपीता और गलगल सजाए गए थे।  जैसे ही लोगों को यहा देशी सब्जियों की विक्री का पता चला, लोग तुरंत यहां पहुंच गए।  आत्मा प्रोजेक्ट के बैनर तले आगामी समय में यह मुहिम क्या रंग लाती है,यह तो भविष्य में ही पता चलेगा,लेकिन इस प्रयास को सराहना जरूर मिल रही है।  उपायुक्त हमीरपुर हरिकेश मीणा ने कहा कि प्राकृतिक ख्ेती के लिए सरकार गंभीर है।

स्टाफ रिपोर्टर : हमीरपुर

एवोकेडो-अंजीर और अंगूर उगाएं हिमाचली नौजवान

कॉफी बोर्ड के सदस्य डा. विक्रम शर्मा ने कहा कि हिमालयी क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था को बदलने के लिए अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक फसलों पर शोध व प्रसार के द्वारा कृषक स्वावल बन संभव है। उन्होंने बताया कि उनके 20 सालों का अनुभव बताता है कि शिवालिक हिमालयी क्षेत्र व ऊपरी ठंडे मरुस्थल की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने के लिए किसानों के साथ शोधकर्ताओं व शोध संस्थानों को मिलकर संरचनात्मक तरीके से हिमालयी भूगोल को समझना व उस पर हुए शोध करना चाहिए। उत्तरी भारत की जलवायु दुनिया की किसी भी फसल उगाने के लिए अनुकूल है। बशर्ते समय, परिस्थिति व भूगोलिक स्थिति पर विचार व शोध किया जाए। शिवालिक हिमालयी क्षेत्र में कॉफी, अवोकेडो, अंजीर, पिस्ता व अंगूर की वैश्विक मांग की वैरायटी को प्रमुखता से उगाया जा सकता है। डा. विक्रम पिछले कई वर्षों से हिमाचल प्रदेश के निचले क्षेत्रों बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, चंबा, ऊना, सोलन व सिरमौर क्षेत्र में कॉफी उगाने में सफल रहे हैं।

सोलन को पसंद नहीं फसल बीमा योजना

केंद्र सरकार की महत्त्वकांक्षी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सोलन जिला के किसान व बागबान रुचि नहीं दिखा रहे हैं। आलम यह है कि योजना के तहत अभी तक उद्यान उपनिदेशक कार्यालय में एक भी केस रजिस्टर्ड नहीं हो पाया है। प्रदेश में अभी विशेष रूप से पांच प्रमुख फल फसलों सेब, आम, नींबू प्रजातीय फल, पलम व आड़ू को फसल बीमा योजना के तहत रखा गया है। इसके तहत सोलन, नालागढ़ ब्लॉक के लिए नींबू प्रजातीय फल, सेब व आम की फल फसल, कंडाघाट ब्लॉक में सेब, पलम व आडू, सोलन ब्लॉक में पलम, धर्मपुर ब्लॉक में आम व कुनिहार ब्लॉक में आम व पलम का बीमा करवाया जा सकता है। सेब व आम के लिए बीमा करवाने की अंतिम तिथि 20 दिसंबर निकल चुकी है और बाकि बचे फलों के लिए लगभग दो माह का समय बचा है, लेकिन अभी तक किसी भी बागबान ने योजना में रुचि दिखाकर बीमा नहीं करवाया है। पलम, आडू सहित नींबू प्रजातीय फलों के बहुतायत वाले सोलन जिला में यह आंकड़ा चौंकाने वाला है।

– सौरभ शर्मा-सोलन

महाराष्ट्र में किसानों का कर्ज माफ

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने  किसानों का 2 लाख रुपए तक का कर्ज माफ  करने का ऐलान किया है। उन्होंने बताया कि किसानों के दो लाख रुपए तक ऋण माफ किए जाएंगे। यह योजना अगले साल मार्च 2020 से लागू हो जाएगी। हिमाचल में भी कई किसान कर्ज  के बोझ तले दबे हैं। ऐसे में किसानों को उम्मीद है कि हिमाचल में भी कृषि ऋणों पर जयराम सरकार राहत देगी।

बर्फबारी के चलते भेड़पालक पहुंचे मैदानी इलाकों में

दिसंबर माह में हुई बर्फ़बारी के चलते भेड़पालकों ने मैदानी इलाकों की और रुख करना शुरू किया। चूड़धार के जंगलों में भेड़पालक गुरुवार को नोहराधार निकले तथा शुक्त्रवार देर शाम को नोहराधार पहुंचे । नोहराधार में बर्फ गिरते देख भेद पालक आगे की ओर निकल गए दीदग के पास रात्रि ठहराव किया। प्रचंड ठंड के बीच भेड़पालको को पूरी रात अपने मवेशियों संग रहना पड़ा आज सुबह नीचे मैदानी इलाका पांवटा देहरादून निकल गए। बता दे कि यह लोग वाया हरिपुरधार निकलते थे मगर क्षेत्र में हो रही बर्फ़बारी को देझते हुए भेड़पालक वाया राजगढ़ नीचे निकल गए। सच मे भेद पालकों का जीवन काफी कठिनाई वाला होता हैं। जैसा कि आप वीडियो में देख पा रहे है कि बर्फ के बीच कैसे अपने मवेशियों संग भेड़पालक आगे निकल रहे है।

रिपोर्ट संजीव ठाकुर नोहराधार

किसानों की समस्या का समाधान है किसान डायरी

नौणी विवि किसान डायरी प्रकाशित करने जा रहा है। नववर्ष के प्रथम सप्ताह तक यह किसान डायरियां तैयार हो जाएंगी और किसानों को बांटी जाएंगी। इस किसान डायरी में बागबानी एवं वानिकी से संबंधित, विभिन्न फसलों व प्रशिक्षण शिविरों की जानकारी मिलेगी। इसमें कृषि क्षेत्र में नवीनतम तकनीकों के उपयोग, विवि के वैज्ञानिकों के फोन नंबर, किसानों की समस्याओं के निदान के लिए विवि के संबंधित विभागों की जानकारी भी इसमें किसानों को मिल पाएगी। विवि के वीसी परविंद्र कौशल के अनुसार यह डायरी किसानों के लिए काफी फायदेमंद साबित होगी और इससे किसानों की खेती के दौरान आने वाली समस्याओं का समाधान हो सकेगा। किसान इसमें दिए गए नंबरों के माध्यम से भी विवि के वैज्ञानिकों से सलाह ले सकेंगे। इन दिनों विवि में किसान डायरी तैयार करने और इसे किसानों के लिए और बेहतर बनाने को लेकर कार्य जोरों पर चल रहा है। इसमें किसानों के लिए उपयोगी अधिक से अधिक जानकारी डालने का प्रयास किया जा रहा है। यह डायरियां किसानों को प्रशिक्षण शिविरों में बांटी जाएंगी व इसके बाद भी यह प्रदेश के किसानों के लिए उपलब्ध रहेंगी।

डा. परविंद्र कौशल ने की किसान डायरी की पहल

किसानों की भलाई के लिए नौणी विवि के वीसी डा. परविंद्र कौशल ने किसान डायरी तैयार करने की पहल की है। इस डायरी को तैयार करने कर कार्य तेजी से चल रहा है। जल्द ही यह डायरी प्रकाशित हो जाएगी और नए वर्ष में प्रशिक्षण शिविरों में किसानों को बांटी जाएंगी। अपने इतिहास में नौणी विवि पहली बार किसान डायरी प्रकाशित कर रहा है।         

रिपोर्टः मोहिनी सूद, नौणी

माटी के लाल

अपनी कमई का चौथा हिस्सा  बांट देता है यह बागबान

हर कोई चाहता है कि उसकी कमाई ज्यादा से ज्यादा हो,लेकिन सामाजिक सरोकारों को निभाने वाले भी कम नहीं हैं। इन्हीं में से एक हैं कुल्लू जिला में निरमंड के रामदास। पंचायत भालसी के खनोटा गांव के रहने वाले राम दास  बागबान हैं, जो  प्रत्येक वर्ष अपनी सेब की कुल पैदावार का पच्चीस फीसदी हिस्सा स्कूली बच्चों, अस्पताल के मरीजों व पशु.पक्षियों की खातिर बांट देते हैं। 64 वर्षीय राम दास ने बताया कि वह यह कार्य अपनी इच्छा से पिछले करीब 20 वर्षों से निस्वार्थ भाव से कर रहे हैं। उनके यहां प्रति वर्ष करीब 600 पेटियां सेब होता ह। इसमें  से वह करीब 150 पेटियां हर साल इस प्रकार सेवार्थ बांट देते हैं। ऐसा करने से उन्हें आत्मिक संतुष्टि मिलती है।

सिरमौर की पंचायत ने मनरेगा से देश को दिखाई राह,नेशनल अवार्ड जीतकर चमकाया हिमाचल

सिरमौर जिला में जामन की सेर पंचायत को मनरेगा में शानदार स्ट्रक्चर बनाने पर राष्ट्रीय स्तर पर दूसरा इनाम मिला है। इससे हिमाचल में बजट की कमी और आलोचना झेल रही इस योजना को भी नई ताकत मिली है। अपनी माटी की टीम सबसे पहले इस पंचायत में पहुंची और ग्र्राउंड जीरो पर सराहां से हमारे सहयोगी संजय राजन ने यहां के काम काज जाने। काम ऐसे कीजिए कि हर हिमाचली को फख्र होगा। पंद्रह सौ की आबादी वाली इस पंचायत में 10 राजस्व गांव आते हैं और इनमें छह सड़कें मनरेगा से पक्की हुई हैं। जबकि चार अन्यों पर काम जारी है। घग्गर नदी किनारे बसी इस खूबसूरत पंचायत के हर गांव में तालाब है। यही नहीं पंचायत में चार दर्जन पक्की बावडि़यां महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना का तहलका मचा रही हैं। नदी पर एक बड़ा, दो छोटे पुल हैं। इसके अलावा नालों पर भी फुट ब्रिज हैं। पंचायत में 12 कूहले हैं और वे भी सभी पक्की। खास बात यह कि जामन की सेर पंचायत पूरे जिला में मनरेगा में अव्वल है।  दिल्ली में पंचायत  प्रधान व कृषि विपणन बोर्ड के अध्यक्ष बलदेव भंडारी ने यह सम्मान प्राप्त किया। बहरहाल हिमाचल में पैसे की कमी झेल रही मनरेगा को इस होनहार पंचायत के लोगों ने नई शक्ति दी है।

-संजय राजन, सराहां

सीधे खेत से

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