जल सेना में चीनी जासूसी

By: Dec 7th, 2019 12:04 am

कर्नल मनीष धीमान

स्वतंत्र लेखक

बीते मंगलवार भारतीय जल सेना अध्यक्ष एडमिरल कर्मवीर सिंह ने एक प्रेस वार्ता के जरिए देश को बताया कि पिछले दिनों चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी का एक समुद्री जहाज भारतीय समुद्री सीमा के अंदर अंडमान समुद्र में देखा गया और उसको वापस भेजा गया। उन्होंने कहा कि चाइना को बड़े ही स्पष्ट और दो टूक शब्दों में यह बताया गया है कि भारतीय समुद्री सीमा में कोई भी विदेशी जहाज बिना अनुमति के दाखिल नहीं हो सकता। समुद्री लुटेरों पर नजर रखने तथा लुटेरों से समुद्री बेड़ों के बचाव के नाम पर चीन के करीब 7 से 8 समुद्री जहाज हिंद महासागर में तैनात हैं। पिछले दिनों भारतीय जल सेना ने शी यान-1, नामक रिसर्च शिप को किसी जासूसी में संलिप्त होने के शक पर वापस भेज दिया। चीनी जहाजों का समुद्री क्षेत्र में बढ़ती संख्या में मौजूद रहना भारत के लिए एक गंभीर तथा ध्यान देने योग्य विषय है, इसी के चलते भारत अपने समुद्री क्षेत्र में आसपास के देशों से संबंध और मेलजोल बढ़ाने में काफी ध्यान दे रहा है, जिसमें हमारे पड़ोसी देश श्रीलंका, मालदीव, इंडोनेशिया,  थाईलैंड, वियतनाम, म्यानमार और सिंगापुर  शामिल हैं। यहां मुख्य मुद्दा चाइना के समुद्र में बढ़ते हुए प्रभाव को रोकना है। मिलान मैरिटाइम इसका उदाहरण है, जिसमें भारत  सहित 41 देश हैं, पर उसमें चीन को हिस्सा लेने के लिए नहीं बुलाया गया है। चीन के समुद्री क्षेत्र में बढ़ते हुए प्रभाव को रोकने के उद्देश्य से भारत, अमरीका, आस्ट्रेलिया और जापान ने एक साथ मिलकर समुद्री क्षेत्र में अपनी सक्रियता बढ़ाना शुरू कर दिया है।  भारत पिछले कुछ सालों से अपने पड़ोसी मुल्कों के साथ करीब 30 वाईलैटरल व मल्टीलैटरल यानी द्विदेशीय एवं बहुदेशीय सैन्य अभ्यास कर चुका है। इसके अलावा भारत की नेबरहुड फर्स्ट पालिसी यानी पड़ोसी सबसे पहले के अंतर्गत समुद्री एरिया में मालदीव, सियाचिलस और मारीशस में ज्वाइंट पेट्रोल गश्त तथा म्यानमार, बांग्लादेश, थाईलैंड और इंडोनेशिया के साथ को-आर्डिनेटेड पेट्रोल कर एक्सक्लूसिव इकॉनमी जोन में अपना प्रभाव बढ़ा रहा है। भारतीय जल सेना की ताकत इसके सक्षम एवं निपुण सैनिक, आला दर्जे के हथियार एवं समुद्री जहाज हैं। लड़ाकू परमाणु सबमैरिन, बैलिस्टिक मिसाइल सबमैरिन, जैसे उम्दा हथियार से सुसज्जित भारतीय जल सेना की काबिलीयत, पड़ोसी देशों से संबंध एवं पालिसी का आकलन करें तो इसमें कोई दो राय नहीं कि इंडो पेसिफिक रीजन में भारत विश्व की एक ऐसी ताकत बन उभरा है जो चीन को चुनौती देने के साथ समुद्री क्षेत्र में स्थिरता प्रदान करने की मजबूत दावेदारी रखता है।


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