ठेकेदारों के जीएसटी में फंसे करोड़ों रुपए का भुगतान जल्द

By: Dec 22nd, 2019 12:30 am

मंडी-हिमाचल प्रदेश के विभिन्न विभागों में कार्य कर रहे ठेकेदारों और प्रदेश सरकार के बीच दो साल से उलझे जीएसटी भुगतान के मामले का हल 23 दिसंबर को मंडी में निकलने के आसार बने हैं। 23 दिसंबर को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ कांट्रेक्टर वेलफेयर एसोसिएशन की एक अहम बैठक होने जा रही है। इस बैठक में जीएसटी भुगतान के मामले को लेकर चर्चा होगी। बैठक की अहमियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसमें भाग लेने के लिए प्रदेश भर से हिमाचल प्रदेश कांट्रेक्टर वेलफेयर एसोएिशन के सदस्य मंडी पहुंच रहे हैं। दो साल में यह मामला इतना बड़ा बन चुका है कि सरकार से जीएसटी भुगतान न मिलने के कारण कई ठेकेदार बैंकों से ऋण लेकर जीएसटी भर चुके हैं, जबकि जीएसटी का भुगतान प्रदेश सरकार ने ठेकेदारों को करना है, लेकिन प्रदेश सरकार के किसी भी विभाग में विकास कार्यों में ठेकेदारों को जीएसटी का भुगतान नहीं किया जा रहा है। पीडब्ल्यूडी और आईपीएच में ही अब तक जीएसटी के रूप में सरकार ने ठेकेदारों को करोड़ों रुपए चुकाने हैं, लेकिन इस पर आज तक प्रदेश सरकार निर्णय ही नहीं ले सकी है, जबकि दो साल से हिमाचल प्रदेश कांटे्रक्टर वेलफेयर एसोसिएशन सरकार व अधिकारियों के पास कई बार यह मामला उठा चुकी है। एसोसिएश्न के अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने बताया कि इस बैठक में जीएसटी और रॉयल्टी में आ रही विसंगतियों के अंतर्गत चर्चा की जाएगी।

टैक्स की देनदारी के लिए 31 दिसंबर तक का वक्त

प्रदेश के सभी जिलों से ठेकेदार मंडी पहुंचकर अपना पक्ष रख सकते हैं। सरकारी ठेकेदार विकासात्मक कार्य करने में सभी जिलों में कार्यरत हैं और सरकार द्वारा टैक्स की देनदारी के लिए 31 दिसंबर की तिथि तय की है, लेकिन अभी तक सरकार ने जीएसटी और रॉयल्टी को लेकर ही कोई निर्णय नहीं लिया है। उन्होेंने कहा कि अगर ठेकेदार अपनी जेब से जीएसटी नहीं भरते हैं, तो उनका दायित्व इतना बड़ा हो जाएगा कि आगे के कोई भी काम वे पूरा नहीं कर सकेंगे। इससे पूरे प्रदेश में विकास कार्य प्रभावित होंगे। इसलिए उम्मीद है कि इस बैठक में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर इस बात का स्थायी हल अवश्य निकालेंगे।


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