नागरिकता संशोधन बिल पर उबाल

By: Dec 12th, 2019 12:05 am

असम में उग्र हुआ प्रदर्शन; कहीं आगजनी, तो कहीं हिंसक हुए लोग, राज्य में और सेना तैनात

गुवाहाटी – नागरिकता संशोधन बिल (कैब) को लेकर असम में विरोध प्रदर्शन और उग्र होता जा रहा है। बुधवार को प्रदर्शनकारियों ने राजधानी दिसपुर में जनता भवन के नजदीक बसों को आग के हवाले कर दिया। जानकारी के मुताबिक, हिंसक होते प्रदर्शन के मद्देनजर प्रशासन भी सतर्क हो गया है और प्रदेश के दस जिलों में बुधवार शाम सात बजे से इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी गई है। इंटरनेट सेवाओं पर यह रोक 12 दिसंबर शाम सात बजे तक लखीमपुर, तिनसुकिया, ढेमाजी, डिब्रूगढ़, चरायदेव, शिवसागर, जोरहाट, गोलघाट, कामरूप मेट्रो और कामरूप जिला में लगाई गई है। गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन बिल को लेकर असम में प्रदर्शन के दौरान प्रोटेस्टर्स की पुलिस से भी झड़प की खबर सामने आई है। इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले भी दागे। प्रदर्शन को बढ़ता देख डिब्रूगढ़ में सेना बुला ली गई है। इस बीच कई ट्रेनों को या तो रद्द कर दिया गया है या फिर उनके रास्ते बदल दिए गए हैं। कई ट्रेनों के टाइम-टेबल में भी बदलाव किया गया है। राजधानी में बड़ी संख्या में छात्र प्रदर्शनकारियों को सचिवालय की ओर बढ़ते देखे जाने के बाद पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस की छात्रों से झड़प भी हुई। छात्रों ने इस दौरान जीएस रोड पर अवरोधक को तोड़ दिया, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया। छात्रों पर आंसू गैस के गोले भी दागे गए, जिसे उठाकर छात्रों ने पुलिसकर्मियों पर फेंक दिया। छात्रों ने बताया कि उनमें से कई लाठीचार्ज में घायल हो गए। उन्होंने कहा कि सर्बानंद सोनोवाल के नेतृत्व में बर्बर सरकार है। जब तक सीएबी वापस नहीं लिया जाता है, तब तक हम किसी दबाव में नहीं आएंगे। प्रदेश के तिनसुकिया संभाग में कई संगठनों द्वारा रेल रोको अभियान के मद्देनजर भारतीय रेल ने कई ट्रेनों का परिचालन रद्द कर दिया है। रेलवे ने इस वजह से 12 और 13 दिसंबर को 12 ट्रेनें कैंसल कर दी हैं। वहीं दस ट्रेनों के परिचालन को आंशिक रूप से रोक दिया गया है। डिब्रूगढ़ में प्रदर्शन की उग्रता को देखते हुए जिलाधिकारी ने एहतियातन कई कदम उठाए हैं। इसके तहत सार्वजनिक शांति के संरक्षण के लिए बुधवार शाम चार बजे से शराब की दुकानों के लाइसेंस देने पर रोक लगा दी गई है।

एयरपोर्ट पर 20 मिनट फंसे रहे सीएम सर्बानंद सोनोवाल

असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल गुवाहाटी एयरपोर्ट के बाहर हो रहे उग्र विरोध प्रदर्शन के बीच करीब 20 मिनट तक फंसे रहे। मुख्यमंत्री का काफिला बाहर नहीं निकल सका। दरअसल सर्बानंद सोनोवाल तेजपुर से लौट रहे थे। प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री के आवास को भी घेर लिया था, जिसके बाद विरोध प्रदर्शन को देखते हुए प्रदर्शनकारियों को हटाना मुश्किल हो गया।

त्रिपुरा में प्रदर्शन से जनजीवन पर असर

अगरतला – सीएबी के खिलाफ  त्रिपुरा में सभी जनजातीय आधारित क्षेत्रीय दलों, गैर-सरकारी संगठनों और छात्र संगठनों के महासंघ ज्वाइंट मूवमेंट अगेंस्ट सिटीजनशिप अमेंडेंट बिल के आह्वान पर अनिश्चितकालीन आंदोलन के तीसरे दिन भी जनजीवन  बुरी तरह प्रभावित रहा।

सुप्रीम कोर्ट तय करेगा विधेयक का भविष्य

नई दिल्ली – राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल पर बहस करते हुए पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने मोदी सरकार को चुनौती दी। उन्होंने कहा कि सरकार जो बिल ला रही है, ये पूरी तरह से गैर-संवैधानिक है। हमारी जिम्मेदारी बनती है कि वही पास करें जो सही हो, अगर गैर-संवैधानिक बिल को हम पास करते हैं तो बाद में सुप्रीम कोर्ट इस बिल का भविष्य तय करेगी। इस दौरान चिदंबरम ने सरकार के चार सवाल भी पूछे। पी. चिदंबरम ने कहा कि नागरिकता संशोधन बिल 2019 आर्टिकल 14 के प्रावधानों का उल्लंघन करता है, जिसमें समानता का अधिकार शामिल है। पी चिदंबरम ने बिल को लेकर कई सवाल किए उन्होंने कहा कि आखिर पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश को किस आधार पर चुना गया, जबकि श्रीलंका को छोड़ दिया गया। आपने सिर्फ छह धर्म के लोगों को किस तरह से चुना और अहमदिया, हजारा और रोहंग्यि को कैसे छोड़ दिया? आपने श्रीलंका के हिंदुओं और भूटान के क्रिश्चियन को कैसे छोड़ दिया?

स्वस्थ आदमी की सर्जरी जैसा है नागरिकता बिल

चेन्नई – मक्कल नीधि मय्यम (एमएनएम) संस्थापक कमल हासन ने बुधवार को नागरिकता (संशोधन) विधेयक की निंदा करते हुए इसे स्वस्थ व्यक्ति की सर्जरी का प्रयास करने जैसा अपराध करार दिया। हासन की यह टिप्पणी विधेयक के लोकसभा से पारित होने के दो दिन बाद राज्यसभा में चर्चा के लिए रखे जाने के बीच आई है। हासन ने कहा कि यह भारत को एक ऐसा देश बनाने की को कोशिश है जहां एक ही तरह के लोग रहें, जो भेदभाव है। हासन ने कहा कि यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम संविधान में किसी त्रुटि को सुधारें, लेकिन अच्छी चीज और त्रुटि रहित व्यवस्था में सुधार लोगों और लोकतंत्र के साथ विश्वासघात है। पार्टी की ओर से जारी बयान में हासन ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लाया गया विधेयक बीमारी से मुक्त व्यक्ति की सर्जरी का प्रयास करने जैसा अपराध है। उन्होंने कहा कि युवा भारत जल्द ही इस प्रस्ताव को खारिज कर देगा। हासन ने केंद्र सरकार को इस तरह की किसी भी कोशिश को लेकर चेतावनी दी।

पांच लाख बंगाली हिंदुओं के लिए उम्मीद की किरण

गुवाहाटी – बांग्लादेश से विस्थापित होने वाले पांच लाख से ज्यादा उन बंगाली हिंदुओं के लिए नागरिकता संशोधन बिल (सीएबी) एक उम्मीद की तरह से है, जो एनआरसी की लिस्ट में अपना नाम दर्ज कराने में नाकाम रहे थे। 31 अगस्त को जारी हुए एनआरसी की फाइनल लिस्ट से करीब 19 लाख लोग बाहर हुए थे। असम के वित्त मंत्री हिमांता बिस्वा सरमा ने कहा कि इन पांच लाख हिंदुओं को अप्लाई करने की जरूरत है। नागरिकता दिए जाने से पहले उनके एप्लिकेशन की समीक्षा की जाएगी। 2021 में होने वाले अगले विधानसभा चुनावों से पहले हम उन्हें नागरिकता दिए जाने की उम्मीद करते हैं। लोकसभा से पास होने के बाद नागरिकता संशोधन बिल को अब राज्यसभा में भी पास कर दिया गया है। सीएबी के पक्ष में बीजेपी की तरफ से सबसे अधिक मुखर आवाज रहे सरमा ने कहा कि एनआरसी की लिस्ट से गए बाहर हुए पांच लाख चार हजार 800 बंगाली हिंदुओं में से तीन-चार लाख ही संशोधन कानून के तहत नागरिकता के लिए अप्लाई करेंगे।


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