निर्माण में गुणवत्ता से समझौता नहीं
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की दो टूक, लापरवाही बरतने वाले ठेकेदारों व अफसरों पर कार्रवाई
शिमला – मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बुधवार को ‘हिम विकास समीक्षा’ बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने के निर्देश दिए, ताकि निर्धारित लक्ष्यों को समयबद्ध तरीके से हासिल किया जा सके। उन्होंने कहा कि सभी विभागों को कम से कम एक नई पहल के साथ आगे आना चाहिए तथा इसका प्रभावी कार्यान्वयन भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए। इसके लिए अधिकारियों को रचनात्मक दृष्टिकोण के साथ पहल करनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि विकासात्मक परियोजनाओं की समीक्षा का उद्देश्य यह है कि इन परियोजनाओं को गति प्रदान की जाए तथा योजनाओं के लाभ समयबद्ध तरीके से प्रदेश की जनता को प्रदान किए जाएं। उन्होंने कहा कि राज्य के 21 विभागों के लिए 103 मुख्य निष्पादन संकेतक निर्धारित किए गए हैं। लोक निर्माण विभाग को नई परियोजनाओं को लागू करने में सक्रिय दृष्टिकोण अपनाना चाहिए, जो अन्य राज्यों के लिए बैंचमार्क बन सके। उन्होंने एफआरए और एफसीए के मामलों में तेजी लाने पर बल दिया, ताकि विकासात्मक परियोजनाएं वन स्वीकृतियों के कारण प्रभावित न हो। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों की गुणवत्ता में कोई भी समझौता नहीं किया जाएगा तथा इसमें कोताही करने पर ठेकेदारों या अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सिंचाई की सुविधा किसानों को न केवल नकदी फसलों की खेती के लिए प्रेरित करेगी, बल्कि अगले दो वर्षों में कृषि आय को दोगुना करने में भी सहायक होगी। उन्होंने कमांद क्षेत्र के विकास और पानी की कमी वाले क्षेत्रों में हैंडपंप लागने पर जोर दिया। सीएम ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में निजी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए एक हजार करोड़ का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसके मुकाबले में 1760 करोड़ रुपए के निवेश के लिए निजी निवेशक आकर्षित हुए हैं। छात्रों को वर्दी, बैग और लैपटॉप देने में देरी होने पर मुख्यमंत्री ने अपनी नाराजगी जताते हुए शिक्षा विभाग को निर्देश दिए कि यह सुनिश्चित किया जाए कि अगले शिक्षा सत्र के दौरान छात्रों को वर्दी, बैग, किताबें और लैपटॉप इत्यादि समय पर मिल सकें। मुख्य सचिव डा. श्रीकांत बाल्दी ने कहा कि राज्य सरकार की सभी नीतियों और कल्याणकारी योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा। इस मौके पर अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त अनिल खाची ने भी अपने विचार रखे।
50 में से 40 हजार किसान कर रहे प्राकृतिक खेती
मुख्यमंत्री ने कहा कि लगभग 50 हजार किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए प्रशिक्षित किया गया है और लगभग 40 हजार किसानों ने वास्तविक रूप में प्राकृतिक खेती करना आरंभ कर दिया है। उन्होंने कहा कि सभी बेसहारा पशुओं को अभ्यारण्यों में पहुंचाया जाएगा।
मजबूत कदम
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव मुरलीधर राव ने कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम देश की एकता और अखंडता को मजबूत करने की ओर कदम है। उन्होंने कहा कि भाजपा राष्ट्र की एकता और अखंडता के लिए प्रतिबद्ध है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतपाल सत्ती ने भी अधिनियम पर अपनी बात रखी।
नागरिकता संशोधन एक्ट बढ़ाएगा एकता
सीएम बोले; केंद्र की बेहतरीन पहल अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं
शिमला – नागरिकता संशोधन अधिनियम देश की एकता और अखंडता को सुनिश्चित बनाए रखने के लिए पारित किया गया है। यह देश के अल्पसंख्यक नागरिकों के खिलाफ नहीं है। मुख्यमंत्री ने बुधवार को भाजपा जिला शिमला द्वारा आयोजित ‘बुद्धिजीवी सम्मेलन’ में संबोधित करते हुए कहा कि यह अधिनियम देश के दूरदर्शी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह द्वारा राष्ट्र की एकता और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए पहल है। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद-370 को हटाने के बाद देश के मजबूत नेतृत्व की यह एक और मुख्य पहल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बिल को नाकाम करने में असफल रहने पर विपक्ष के नेता अब सार्वजनिक संपत्तिको नुकसान पहुंचाकर लोगों का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिनियम के माध्यम से देश के पड़ोसी तीन मुस्लिम बहुसंख्यक देशों पाकिस्तान, बंगलादेश और अफगानिस्तान के गैरमुस्लिमों को भारत की नागरिकता प्राप्त करने में आसानी होगी। उन्होंने कहा कि इस अधिनियम में इन तीन देशों से हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और इसाइयों को आयु के मापदंड में छूट प्रदान कर यह सीमा 11 से 06 वर्ष की गई है। नागरिकता संशोधन अधिनियम में अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से 31 दिसंबर, 2014 से पूर्व भारत आए हिंदू, ईसाई, सिख, बौद्ध, जैन व पारसी लोगों को नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है। यह अधिनियम तीन देशों से आए इन धर्मों के उन लोगों को भी नागरिकता प्रदान करने में मदद करता है, जिनके पास अपेक्षित दस्तावेज नही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष इस अधिनियम को लेकर लोगों को गुमराह करने का प्रयास कर रहा है, जबकि यह दोनों ही सदनों में प्रभावी चर्चा के उपरांत पारित हुआ है। इस अवसर पर राष्ट्रीय सचिव सुनील देवधर, विधानसभा अध्यक्ष डा. राजीव बिंदल, मंत्री सुरेश भारद्वाज, विपिन परमार, गोविंद ठाकुर, नरेंद्र बरागटा सहित कई नेता मौजूद रहे।
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