पहाड़ी शॉर्ट फिल्में फाइलों में कैद

By: Dec 12th, 2019 12:01 am

शिमला  – भाषा विभाग ने तीन वर्ष पहले पहाड़ी शॉर्ट फिल्में तो बनवा डालीं, लेकिन उन्हें अभी तक सार्वजनिक ही नहीं कर पाया है। इस पर विभाग ने लाखों रुपए खर्च कर डाले थे, लेकिन इन फिल्मों को विभाग दिखा ही नहीं पाया। बताया जा रहा है कि प्रति फिल्म पर लगभग आठ से दस लाख का खर्चा आ गया था। जानकारी के मुताबिक इसमें कील नामक फिल्म तो अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में नहीं जा सकी। कारण यह कि प्रदेश से इस फिल्म को सार्वजनिक नहीं किया गया था, जिससे इस शॉर्ट फिल्म के मेकर उसे अपने स्तर पर बाहर नहीं दिखा पाए। अमरीका और आस्ट्रेलिया में कई ऐसे फिल्म फेस्टिवल हो गए हैं, लेकिन प्रदेश से शॉर्ट फिल्में फाइलों में ही कैद होकर रह गई हैं। देखा जाए, तो प्रदेश की संस्कृति को आर्ट फिल्मों के माध्यम से भाषा विभाग प्रदर्शित करने में फेल हो गया है। जानकारी के मुताबिक तीन वर्ष पहले भाषा कला एवं संस्कृति विभाग द्वारा प्रदेश में लोक संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए लोक फिल्मों को बनाने के लिए कलाकारों को आमंत्रित किया गया था, जिसमें 70 में से पांच लोगों को लोक संस्कृति पर आधारित फिल्मों को बनाने के लिए उनका चयन भी किया गया। इसमें शर्त के मुताबिक कम से कम एक वर्ष में फिल्म बनाकर भाषा विभाग को सौंपनी थी। अब न तो इन फिल्मों को विभाग द्वारा प्रदर्शित किया जा रहा है और न ही संबंधित कलाकारों को इन फिल्मों को अन्य मंच पर प्रदर्शित करने की मंजूरी प्रदान की जा रही है, जिससे ये फिल्में कागजों में ही सिमट कर रह गई हैं। गौर हो कि इसमें एक क लाकार ने तो महज पांच माह के भीतर शॉर्ट फिल्म को बनाकर विभाग को सौंप भी दिया था। बाकी तीन कलाकारों ने भी फिल्म बनाकर विभाग को सौंप दी। इन फिल्मों के  प्रोड्यूसर बन बैठे भाषा विभाग इन फिल्मों को प्रदर्शित ही नहीं कर पा रहा है। विभाग की योजना थी कि हर वर्ष लोक संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए शॉर्ट फिल्में बनाई जानी तय की गई थीं, लेकिन इस वर्ष भी ये फिल्में नहीं बन पाई हैं।

प्रोजेक्ट चले जाते हैं ठंडे बस्ते में

सवाल ये उठ रहे हैं कि इन फिल्मों का निर्माण ही आखिर क्यों किया गया, जब इसे आगे प्रदर्शित करने के लिए तीन वर्ष भाषा विभाग ने लगा दिए। कलाकारों का यह भी आरोप है कि विभाग में अधिकारी जल्द बदलते रहते हैं, जिसमें उनके प्रोजेक्ट का आखिर क्या हुआ है, इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दे पा रहा है।


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