पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप में घोटाला

By: Dec 15th, 2019 12:01 am

हरियाणा में सात अफसरों-कर्मचारियों के खिलाफ  दर्ज होगी एफआईआर, सरकार ने दिए आदेश

पंचकूला –हरियाणा में पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप मामले में नया खुलासा हुआ है। मामले की जांच कर रही विजिलेंस टीम ने करोड़ों रुपए के घोटाले की बात कही है। इस मामले में अफसरों और कर्मचारियों की मिलीभगत से यह घोटाला हुआ है। अब सरकार ने सात अफसरों -कर्मचारियों के खिलाफ  मामला दर्ज करने के आदेश दे दिए हैं। स्टेट विजिलेंस की जांच में हिसार, सिरसा, फतेहाबाद, भिवानी और चरखी दादरी में घोटाले की बात सामने आई है। इसमें कई अफसरों की मिलीभगत से यह सारा खेल हुआ है, जिसके बाद सरकार से इन अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की गई थी। अब इनपर मुकद्दमा दर्ज करने की सरकार ने मंजूरी दे दी है। विजिलेंस ब्यूरों की ओर से इससे पहले रोहतक, सोनीपत और झज्जर में मिली गड़बड़ी की रोहतक जबकि यमुनानगर में मिली गड़बड़ी की पंचकूला विजिलेंस थाने में एफआईआर दर्ज की जा चुकी है, जिस पर आगे की जांच जारी है। इन जिलों में 26 करोड़ रुपए का घोटाला सामने आ चुका है। जबकि बाकी जिलों की जांच भी अभी चल रही है। बता दें कि करीब छह महीने पहले एसी-बीसी वेलफेयर डिपार्टमेंट में तत्कालीन निदेशक संजीव वर्मा ने इसका खुलासा किया था। स्कीम के अनुसार एससी स्टूडेंट्स को 230 से 1200 रुपए, बीसी स्टूडेंट्स को 160 से 750 रुपए तक मासिक स्कॉलरशिप तय की गई। 2017-18 से इन वर्ग के स्टूडेंट्स के लिए ट्यूशन फीस का 25 फीसदी या पांच हजार रुपए जो कम है, वह देने का प्रावधान भी है। वहीं, तीन साल से हो रही है जांच। विजिलेंस की ओर से 2016-17 से 2018-19 तक एससी-बीसी के स्टूडेंट्स को जारी की गई स्कॉलरशिप की जांच की जा रही है। इसमें सामने आया है कि स्टूडेंट्स के आधार नंबर बदलकर यह फर्जीबाड़ा किया गया। अनेक फर्जी स्टूडेंट्स के नाम स्कॉलरशिप जारी कर दी गई।


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