प्रदेश के लिए वरदान बनी स्वास्थ्य योजनाएं

By: Dec 22nd, 2019 12:02 am

शिमला-मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व में चलने वाली भाजपा सरकार के दो वर्ष प्रगतिशील एवं उपलब्धियों से पूर्ण रहे। ये शब्द भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने कहे। श्री सत्ती ने कहा कि प्रदेश में जरूरतमंदों का सहारा बनी अनेकों स्वास्थ्य योजनाएं स्वास्थ्य के क्षेत्र में सरकार का प्रदर्शन अद्भुत रहा। सतपाल सत्ती ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार के नेतृत्व में आयुष्मान भारत योजना में कवर न होने वाले परिवारों के लिए हिमकेयर योजना आरंभ की गई। योजना के तहत आयुष्मान भारत योजना की तर्ज पर प्रति परिवार पांच लाख रुपए के निःशुल्क इलाज का प्रावधान किया गया है। हिमकेयर के तहत पांच लाख 50 हजार परिवार पंजीकृत हुए हैं। पहली जनवरी, 2020 से हिम केयर के नए कार्ड भी बनेंगे। उन्होंने बताया कि हिम केयर योजना का लाभ उठाने के लिए 201 अस्पतालों को पंजीकृत किया गया है, जिसमें से 51 अस्पताल निजी क्षेत्रों में हैं। उन्होंने बताया कि हिम केयर योजना के तहत इस वर्ष नवंबर माह के अंत तक लगभग 43 हजार रोगियों ने लाभ उठाया। उपचार पर 42.35 करोड़ रुपए से भी ज्यादा खर्च किए गए। श्री सत्ती ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत भी तीन लाख परिवारों को पंजीकृत किया गया। एक वर्ष के भीतर 35 हजार से भी ज्यादा रोगियों के उपचार पर 33 करोड़ 16 लाख रुपए खर्च किए गए, 523 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं 354 स्वास्थ्य उपकेंद्रों को हैल्थ एंड वेलनेस सेंटर में परिवर्तित करने की योजना आरंभ की। इस योजना से चिकित्सा की सभी मूलभूत सुविधाएं इन वेलनेस केंद्रों में उपलब्ध होंगी। उन्होंने कहा कि गंभीर बीमारियों से पीडि़त व्यक्तियों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री चिकित्सा कोष गठित किया गया है। इस कोष में से 192 लाभार्थियों को चार करोड़ से भी अधिक की वित्तीय सहायता प्रदान की गई। श्री सत्ती ने बताया कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य में सहभागिता योजना आरंभ की गई है। इस योजना के तहत खोले जाने वाले निजी बहु-विशेषज्ञ अस्पतालों के लिए दो करोड़ रुपए के निवेश पर 25 प्रतिशत पूंजीगत उपदान देने का प्रावधन किया गया है, जबकि डेढ़ करोड़ रुपए ऋण पर पांच प्रतिशत ब्याज उपदान तीन वर्ष के लिए दिए जाने का प्रावधान किया गया है। प्रदेश में सभी सरकारी अस्पतालों में ग्रामीण स्तर तक लोगों को निःशुल्क दवाइयां उपलब्ध करवाने पर 80 करोड़ रुपए खर्च किए गए। आईजीएमसी शिमला, टांडा मेडिकल कालेज तथा नेरचौक मेडिकल कालेज जैसे बड़े अस्पतालों में 330 दवाइयां 24 घंटे निःशुल्क उपलब्ध करवाई जा रही हैं।


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