प्रदेश में एक समान होंगे मछली  के रेट

By: Dec 23rd, 2019 12:01 am

हिमाचल में फिश सीड स्टॉकिंग-मार्केटिंग एंड ब्रांडिंग के लिए लागू होगा ऑनलाइन सिस्टम

बिलासपुर – हिमाचल के जलाशयों में कार्यरत मत्स्य सहकारी सभाओं के माध्यम से मत्स्य कारोबार से जुड़े हजारों मछुआरों को अब मछली के एक समान दाम दिलाने के लिए राज्य सरकार जल्द ही ऑनलाइन सिस्टम लागू करने की तैयारी में है। मत्स्य विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर राज्य सरकार की अप्रूवल के लिए भेज दिया है। कैबिनेट में अप्रूवल के बाद पॉल्यूशन फ्री वाटर में पल रही मछली की ऑनलाइन मार्केटिंग एंड ब्रांडिंग के लिए ग्लोबल टेंडर लगाए जाएंगे। सीड स्टॉकिंग से लेकर मार्केटिंग व ब्रांडिंग तक का सारा जिम्मा ठेकेदार फर्म के जिम्मे होगा। प्रदेश में पायलट बेस पर यह प्रोजेक्ट बिलासपुर जिला की 34 सहकारी सभाओं वाली गोबिंदसागर झील में शुरू किया जाएगा और इसकी सफलता के बाद अन्य जलाशयों में इसे प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा। जिस किसी फर्म को यह टेंडर अलॉट होगा, वह फर्म 50 फीसदी बाहरी, जबकि शेष 50 फीसदी मछली का विक्रय लोकल मार्केट में करेगी। यही नहीं, ठेकेदार फर्म को कुल लाभ का तीन फीसदी भाग मछुआरा वर्ग के कल्याण के लिए जमा करवाना होगा। इसके अलावा हिमालयन फिश नाम से ब्रांडिंग भी करनी होगी। अभी तक मत्स्य सहकारी सभाओं के माध्यम से मछली की ओपन ऑक्शन की जाती है, लेकिन इसमें कहीं न कहीं रेट अप एंड डाउन रहते हैं। किसी सोसायटी में 80 रुपए किलो तो कहीं 120 रुपए प्रति किलोग्राम मछली की बोली लगती है। मछुआरों को एक समान दाम दिलवाने के मद्देनजर राज्य में नई व्यवस्था लागू करने की तैयारी चल रही है।  बता दें कि विभाग अभी खुद ही जलाशयों में फिश सीड की स्टॉकिंग करता है। मछुआरों द्वारा पकड़ी गई मछली की ओपन ऑक्शन सोसायटियां अपने स्तर पर करती हैं, लेकिन सभी के रेट में भिन्नता रहती है, जिस कारण कहीं मछुआरों को सही, तो कहीं वाजिब दाम नहीं मिल पाते हैं। इसलिए सरकार एक समान रेट दिलाकर मछुआरों को लाभान्वित करने की मंशा से नई पॉलिसी ला रही है जिससे उन्हें फायदा होगा। उधर, इस संदर्भ में मत्स्य निदेशक सतपाल मेहता ने बताया कि प्रस्ताव तैयार कर सरकार की मंजूरी के लिए भेजा गया है।


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