मंत्री नहीं, संगठन का सिपाही बनेगा भाजपा का प्रदेशाध्यक्ष
शिमला-विधानसभा शीतसत्र के बाद प्रदेश भाजपा की सरदारी बदल जाएगी। हालांकि संगठनात्मक चुनावी शेडयूल के मुताबिक 15 दिसंबर से पहले प्रदेशाध्यक्ष की ताजपोशी होनी है, लेकिन इसी बीच धर्मशाला में विधानसभा शीतकालीन सत्र भी है। इसी कारण शीतकालीन सत्र के बाद ही प्रदेश भाजपा को नया अध्यक्ष मिलेगा। सूत्रों के मुताबिक अभी तक पार्टी के प्रदेश महामंत्री राम सिंह और मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार त्रिलोक जम्वाल के नाम पर चर्चा चल रही है। हालांकि प्रदेशाध्यक्ष की ताजपोशी सर्वसम्मति से होगी, लेकिन खिचड़ी पकने की स्थिति में वोटिंग भी हो सकती है। फिलहाल ऐसी नौबत नहीं आएगी। वहीं, दूसरी तरफ सरकार के किसी भी मंत्री को हटाकर प्रदेशाध्यक्ष की जिम्मेदारी नहीं सौंपी जाएगी। चर्चाओं में स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार और उद्योग मंत्री विक्रम सिंह हैं, लेकिन ये सिर्फ अफवाहें हैं। भाजपा सूत्रों की मानें तो प्रदेश महामंत्री राम सिंह या मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार त्रिलोक जम्वाल में से किसी को भी प्रदेश अध्यक्ष बनाए जा सकते हैं। गौरतलब है कि प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष खिमीराम शर्मा के कार्यकाल के बाद संगठनात्मक चुनाव होने थे, लेकिन 2012 में सतपाल सिंह सत्ती को सर्वसम्मति से प्रदेशाध्यक्ष चुना गया। उस साल से लेकर सत्ती प्रदेशाध्यक्ष के पद पर कार्यरत हैं, यानी कुल मिलाकर सत्ती की अध्यक्षता में 2012 का विधानसभा चुनाव, 2014 का लोकसभा चुनाव 2017 का विधानसभा चुनाव और अब 2019 का लोकसभा चुनाव हुए। भले ही 2012 के चुनाव में भाजपा सत्ता में नहीं आई, लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव से लेकर अब तक लगातार तीन चुनाव सत्ती की अध्यक्षता में पार्टी को जीत मिलती रही। यहां तक कि 2017 में नगर निगम शिमला के चुनाव भी हुए, जिसमें भाजपा को बड़ी जीत मिली। कुल मिलाकर सतपाल सिंह सत्ती के सात साल के कार्यकाल के दौरान संगठन को 2014 से लेकर अब तक के चुनाव में सफलता हासिल हुई है।
अब तक के चीफ
जयकिशन शर्मा, शांता कुमार, नगीन चंद्र पाल, गंगा सिंह ठाकुर, सुरेश चंदेल, महेश्वर सिंह, प्रेम कुमार धूमल, सुरेश भारद्वाज, जयराम ठाकुर, खिमीराम शर्मा, सतपाल सिंह सत्ती
73 मंडलों को मिले सरदार
भाजपा के सभी 73 मंडलों को नए सरदार मिल चुके हैं। अब सिर्फ चार संगठनात्मक जिलों में चुनावी प्रक्रिया शेष है। 17 में से 13 संगठनात्मक जिलों को नए अध्यक्ष मिल चुके हैं। भाजपा संगठनात्मक चुनावों के दौरान रामुपर और ज्वालामुखी मंडलाध्यक्षों की ताजपोशी को लेकर विवाद गरमाया, लेकिन अधिकांश पदों पर सर्वसम्मति से नियुक्तियां हुई। उल्लेखनीय है कि छह जुलाई से भाजपा ने सदस्यता अभियान शुरू किया है, जिसे पूरे देश में एक संगठन पर्व के रूप में मनाया गया। इस दौरान भाजपा ने पौने छह लाख नए सदस्य शामिल किए।
लगातार दो चुनावों में सत्ता से बाहर रहे सतपाल सत्ती
प्रदेश भाजपा के वर्तमान अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती लगातार दो चुनावों में सत्ता से बाहर ही रहे। हालांकि 2012 के विधानसभा चुनाव में सतपाल सिंह सत्ती चुनाव जीत कर आए, लेकिन भाजपा उस वक्त विपक्ष में थी। उसके बाद 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा सत्ता में आई, तो सतपाल सिंह सत्ती खुद चुनाव ही हार गए। बावजूद इसके उनकी अध्यक्षता में 2014 से लेकर अब तक भाजपा एक भी चुनाव नहीं हारी। कुल मिलाकर सत्ती की अध्यक्षता में भाजपा चार चुनाव जीती, लेकिन सत्ती को सत्ता का सुख नहीं मिल पाया। सूत्रों के मुताबिक उन्हें जयराम सरकार नई जिम्मेदारी सौंपने की तैयारी में भी हैं।
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