रिजर्व बैंक पर होगा नीतिगत दर में कटौती का दबाव

By: Dec 1st, 2019 1:31 pm

नई दिल्ली – सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) और अन्य वृहद आर्थिक आँकड़ों में लगातार जारी गिरावट के मद्देनजर मांग बढ़ाने और पूंजी लागत में कमी लाने के उद्देश्य से बीच रिजर्व बैंक (आरबीआई) इस साल लगातार छठी बार नीतिगत दरों में एक चौथाई फीसदी की कटौती कर सकता है। केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति इस साल फरवरी से अक्टृबर तक अपनी लगातार पाँच बैठकों में रेपो दर में पाँच बार 0.25-0.25 प्रतिशत की कटौती कर चुकी है। इस प्रकार पाँच बार में रेपो दर कुल 1.25 प्रतिशत घटाई गयी है। इसके बावजूद अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत नहीं दिखने से उस पर 03 से 05 दिसंबर को होने वाली बैठक में एक बार फिर रेपो दर घटाने का दबाव होगा। रेपो दर वह दर है  जिस पर रिजर्व बैंक वाणिज्यिक बैंकों को ऋण देता है। सरकार द्वारा पिछले सप्ताह जारी आँकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष की 30 सितंबर को समाप्त दूसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर घटकर 4.5 प्रतिशत रह गयी जाे छह वर्ष का निचला स्तर है। पहली तिमाही में यह पाँच प्रतिशत पर रही थी। रिजर्व बैंक ने अक्टूबर में जारी मौद्रिक नीति बयान में अनुमान जताया था कि दूसरी तिमाही में विकास दर 5.3 प्रतिशत रहेगी जबकि अगले छह महीने में इसके 6.6 से 7.2 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान व्यक्त किया गया था। यह लगातार छठी तिमाही है जब विकास दर में गिरावट दर्ज की गयी है। साथ ही यह वित्त वर्ष 2012-13 की अंतिम तिमाही के बाद विकास दर का निचला स्तर है।

 


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App