शूलिनी ने दस साल में छूए नए आयाम

By: Dec 17th, 2019 12:02 am

 नौणी-शूलिनी विश्वविद्यालय में उन्नत सामग्री इंजीनियरिंग और सौर ऊर्जा अनुप्रयोगों के विषय पर दो-दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला सोमवार को आरंभ हुई। कार्यशाला का आयोजन शूलिनी विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ फिजिक्स एंड मैटेरियल्स साइंस एंड स्कूल ऑफ मेकेनिकल और सिविल इंजीनियरिंग के साथ क्रैनफील्ड विश्वविद्यालय, बेडफोर्डशायर, यूके के सौजन्य से किया गया। शुभारंभ अवसर पर मुख्यातिथि व शूलिनी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पीके खोसला ने क्रैनफील्ड विश्वविद्यालय, बेडफोर्डशायर से आए डा. समीर रहटेकर और डा. विजय कुमार ठाकुर सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों, संस्थानों और उद्योगों के अन्य प्रतिनिधियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि दस वर्षों की छोटी अवधि में शूलिनी विश्वविद्यालय ने सौर ऊर्जा आधारित प्रौद्योगिकियों को आरोपित करने में व्यापक रूप से निवेश किया है। हमने ग्रीन कैंपस परियोजना के तहत नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय को एक परियोजना रिपोर्ट भी सौंपी है। डा. खोसला ने कहा कि शूलिनी विश्वविद्यालय ने शोध में अपनी योग्यता साबित की है और वर्तमान में हम शीर्ष रेटेड वैश्विक विश्वविद्यालयों के साथ अपने कंधे से कंधा मिला कर खड़े हैं। प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए प्रो. वीसी अतुल खोसला ने नैनो कणों के हरे संश्लेषण का विचार दिया। कार्यशाला के संयोजक डा. राजेश कुमार शर्मा ने कहा कि उद्योग-अकादमी भागीदारी कार्यक्रम पर परियोजना के तहत रॉयल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग, लंदन यूके द्वारा कार्यशाला का समर्थन किया गया है। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य शूलिनी विश्वविद्यालय को इंजीनियरिंग, फार्मेसी और विज्ञान के पाठ्यक्रम में विकसित प्रौद्योगिकी को एंबेड करने और पड़ोसी विश्वविद्यालयों और इंजीनियरिंग संस्थानों को ज्ञान का प्रसार करने में मदद करने के लिए परियोजना के परिणाम को प्रकट करना था। उन्होंने कहा कि लगभग 15 संस्थानों और उद्योग के प्रतिनिधि इस अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं। समारोह में गेस्ट ऑफ ऑनर फाउंडेशन फॉर लाइफ साइंसेज एंड बिजनेस मैनेजमेंट की अध्यक्ष सरोज खोसला सहित अन्य उपस्थित रहे।


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