हिमाचल में 150 वैद्य ही कर रहे इलाज

By: Dec 12th, 2019 12:01 am

एचपीयू के शोधार्थियों का खुलासा, प्रदेश में जड़ी-बूटियों से कर रहे उपचार

शिमला  – हिमाचल प्रदेश में वैद्य इलाज पर बड़ा संकट मंडरा रहा है। राज्य के बारह जिलों में आयुर्वेद तरीके से किया जा रहा इलाज लुप्त होता जा रहा है। हिमाचल में वैद्य इलाज अब मात्र 20 प्रतिशत तक भी नहीं रहा है। हैरानी है कि अब हिमाचल में मात्र 150 वैद्य ही जड़ी-बूटियों से इलाज करने के लिए बचे हैं। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के जैव विविधता विभाग में छात्रों द्वारा बारह जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर आयुर्वेंद तरीके से इलाज करने वाले वैद्यों पर सर्वे किया गया। इस सर्वे में खुलासा हुआ कि अभी भी राज्य में सैकड़ों आयुर्वेद तरीके जीवित हैं, जिससे बड़ी से बड़ी बीमारियों का इलाज संभव हो पाया है। हालांकि चौंकाने वाला खुलासा यह हुआ है कि ग्रामीण क्षेत्रों में अब आयुर्वेद तरीका अपनाने वाले इसे छोड़ रहे हैं। जैव विविधता विभाग के छात्रों के शोध के अनुसार गांव में वैद्य को सरकार की तरफ से कोई भी सहायता नहीं की जा रही है। वहीं जंगलों से जड़ी-बूटियां लाने के लिए भी उनको कोई ट्रासपोर्ट सुविधा नहीं दी जा रही है। वहीं  प्रदेश के वैद्यों का मानना है कि सरकार बिना लाइसेंस के इलाज करने पर कोई कार्रवाई न कर दें, इसलिए इस कार्य को छोड़ देना ही बेहतर है। सोलन, सिरमौर, लाहुल-स्पीति और किन्नौर में ही सबसे ज्यादा वैद्य के आयुर्वेद तरीके जिंदा हैं।

डाक्टर ने छोड़ा, वैद्य ने ठीक किया

जैव प्रोद्योगिकी विभाग में शोध में भाग लेने वाली कल्पना का कहना है कि हिमाचल के एक जिले में ऐसे भी वैद्य थे, जिन्होंने कैंसर के ऐसे मरीज का इलाज कर दिया, जिन्हें बड़े हॉस्पिटल से भी छोड़ दिया था। ऐसे में यह उदाहरण भी काफी है कि जड़ी-बूटियों से इलाज करने वाले वैद्यों की जरूरत आज भी हिमाचल में है।


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