553 सरकारी भवनों में एंट्री खतरनाक

By: Dec 12th, 2019 12:01 am

अकेले शिक्षा विभाग की 335 इमारतें असुरक्षित, कभी भी हो सकता है हादसा

शिमला – हिमाचल प्रदेश में 553 सरकारी भवन असुरक्षित हैं। इनमें 335 भवन अकेले शिक्षा विभाग के ही हैं। असुरक्षित भवनों में काम करने वाले व पढ़ने वाले खतरे में हैं।  यह भवन अनसेफ डिक्लेयर हो चुके हैं बावजूद इसके इनकी स्थिति को सुधारने के लिए कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। अलग-अलग विभागों के इन भवनों को रिपेयर व मेंटेनेंस के लिए पैसा नहीं मिल रहा है। कई भवनों को तो गिराकर दोबारा से बनाया जाना भी जरूरी है। इसमें सबसे दिलचस्प बात यह है कि शिक्षा विभाग के स्कूल भवन असुरक्षित हैं, जबकि वहां पर छोटे-छोटे बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। उच्च शिक्षा विभाग के 164 भवन असुरक्षित हैं, जिनकी ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। इसी तरह से एलिमेंटरी विभाग के तहत आने वाले 171 स्कूल भवन भी असुरक्षित हैं। इसको लेकर आई एक विस्तृत सूचना में बताया गया है कि सबसे अधिक अनसेफ सरकारी भवन कांगड़ा जिला में हैं। यहां पर 31 ऐसे भवन हैं, जिनको जिलाधीश ने अनसेफ घोषित कर रखा है। फिर भी कुछ भवनों में गतिविधियां चल रही हैं। अनसेफ घोषित होने पर इनमें कोई नहीं रह सकता, मगर विभागों के पास जिलों में आधारभूत ढांचा नहीं होने के कारण इनका भी इस्तेमाल किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार जिलाधीश किन्नौर ने अपने यहां पर छह भवनों को असुरक्षित घोषित कर रखा है, वहीं उपायुक्त चंबा ने तीन, सिरमौर में 16, कुल्लू में दो, सोलन में आठ, मंडी में 11, बिलासपुर में 24, लाहुल-स्पीति में तीन व ऊना में 19 सरकारी भवनों को असुरक्षित की श्रेणी में रखा गया है।

इन महकमों के भवन भी रहने लायक नहीं

इनके अलावा बागबानी विभाग के दो पीसीडीओ एक अन्य भवन, महिला एवं बाल कल्याण विभाग की चार आंगनबाड़ी, मत्स्य विभाग के दो भवन, गृह रक्षा एवं नागरिक सुरक्षा का कुल्लू स्थित भवन, पुलिस के 12 भवन, लोक निर्माण के 10 भवन, श्रम रोजगार का एक भवन, पंचायती राज का एक भवन, शहरी विकास विभाग के 13 भवन असुरक्षित घोषित किए गए हैं। अन्य विभागों की बात करें तो  निदेशक ट्रेजरी का आनी स्थित भवन, एस्टेट के नौ भवन, कृषि विभाग का एक, वन विभाग के 13 भवन अनसेफ हैं। इसके अलावा पशुपालन विभाग के 64 भवन अनसेफ घोषित किए गए हैं।


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