औजारों में मिले थे कपि मानव के अवशेष

By: Jan 1st, 2020 12:18 am

टीम की अध्यक्षता कर रहे डा. हर्षवर्धन के अनुसार इन औजारों की जांच होगी। यहां पूर्व में भी कपि मानव के अवशेष मिले हैं। इसी महत्त्व को देखते हुए भारतीय मानव विज्ञान सर्वेक्षण केंद्र देहरादून ने राष्ट्रीय परियोजना के रूप में शिवालिक उत्खनन परियोजना की संकल्पना की है…

 गतांक से आगे

टीम की अध्यक्षता कर रहे डा. हर्षवर्धन के अनुसार इन औजारों की जांच होगी। यहां पूर्व में भी कपि मानव के अवशेष मिले हैं। इसी महत्त्व को देखते हुए भारतीय मानव विज्ञान सर्वेक्षण केंद्र देहरादून ने राष्ट्रीय परियोजना के रूप में शिवालिक उत्खनन परियोजना की संकल्पना की है। इसी के अंतर्गत वैज्ञानिकों की टीम के अंतर्गत शिवालिक परियोजना के लिए सर्वेक्षण के विभागाध्यक्ष डा. हर्षवर्धन की अध्यक्षता में किया जाता है।  इस अनुसंधान टीम में सुदर्शन वैद्य, संग्रहलय अधोक्षक कुमार मंगल, बलवंत संघ, डा. मानवेंद्र सिंह, वरल कुमार वैन तथा कुमारी अहाना घोष शामिल हैं। रिसर्च टीम द्वारा मध्य शिवाली क्षेत्र में प्रदेश के घुमारवीं तहशील की सीर खड्ड की धार बंम में सर्वेक्षण कार्य कर रही है। इसी दौरान टीम को पाषाण कालीन संस्कृति से जुड़े औजार मिले हैं। इसे असुलियन संस्कृति के नाम से जाना जाता है। उस समय के कई प्रकार के औजार जैसे हस्त कुठार हंडेक्स, कलिवर हिमुखीर, चॉपर, स्क्रैपर, असुलियन के औजार आदि मिले हैं जो और भी उत्सुकता जगाने वाला है। सीर खड्ड में मिले पाषाणकालीन उपकरणों पर अमरीका ने भी मुहर लगा दी है।  इन अपकरणों को ग्लोबल जरनल ऑफ आर्कियोलांजी एंड एंथ्रोयोलॉजी अमरीका ने सिद्ध कर दिया है। दुर्लभ पाषाणकालीन संस्कृति की खोज घुमारवीं के वरिष्ठ मानव वैज्ञानिक डा. अनेक राम सांख्यान ने की है, दावा है कि यह खोज उत्तर भारत में सर्वप्रथम खोज और समस्त भारत में अद्वितीय है। इस अनूठी संस्कृति को डा. सांख्यान ने बमुलियन के तौर पर एक नई पहचान दी है। इस को डा. सांख्यान ने घुमारवीं स्थित पेलिया म्यूजयिम में रखा है। डा. अनेक राम सांख्यान ने बताया कि बहुमिलयन पाषाण काल संस्कृति की एक विशिष्ट एशियुलिन संस्कृति है, जिसमें विविध प्रकार और आकार के असंख्य विशिष्ट पाषाण युग उपकरण पाए गए हैं। डा. सांख्यान के मुताबिक इस क्षेत्र में पहली बार वर्ष 2010 में एशियुलिएन उपकरण मिले थे। वर्ष 2014 में उन्होंने इस तरह के कई और औजार एकत्र किए, जो 2017 में सिद्ध हुए थे, लेकिन अब इन्हें इस तरह के 450 औजार नवंबर, 2017 से लेकर फरवरी, 2018 के काल खंड खोजे हैं। अकेले बंब (हटवाड़ के नजदीक) क्षेत्र से लगभग 300 से अधिक उपकरण मिले हैं। बमुलियन पाषाण उपकरणों को डा. सांख्यान ने 14 मुख्य श्रेणियों में वर्र्गीकृत किया है। इनमें हैंडैक्स 160, क्लीवरर्स 82, तीर और भाले प्रक्षेप्य उपकरण 40 व चॉपर 34 से अधिक हैं। बम्म क्षेत्र में जो हैंडेक्स मिले हैं उनमें अधिकतर 54 अंडाकार हैं। यह नाशपाती आकार के 34, बादाम आकार के 26 तथा हृदयाकार के 14 हैं। क्रमशः

 


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