जनवरी में बर्फ सी जमने लगी जिंदगी

By: Jan 7th, 2020 12:01 am

प्रदेश भर में 75 सड़कें ठप, ट्रांसफार्मर बंद होने से अंधेरे में कट रहीं सर्द रातें

शिमला – हिमाचल प्रदेश में सोमवार को फिर से बारिश-बर्फबारी हुई है। इससे समूचा राज्य शीतलहर की चपेट में आ गया है। वहीं, ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। ताजा बर्फबारी होने के बाद राज्य में 75 सड़कों पर यातायात बंद हो गया है। राज्य के मंडी जोन में सबसे ज्यादा 45 सड़कें यातायात के लिए ठप पड़ी हुई हैं। राज्य आपदा प्राधिकरण से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में बर्फबारी के चलते 75 मार्ग यातायात के लिए अवरुद्ध हैं। मंडी जोन में सबसे ज्यादा 45 मार्ग बंद पडे़ हुए हैं। इसके अलावा शिमला 15 और कांगड़ा जोन में 10 मार्ग यातायात के लिए बंद हैं। लोक निर्माण विभाग द्वारा बंद पड़े मार्गों को बहाल करने के लिए कार्य आरंभ कर दिया है। लोक निर्माण विभाग का दावा है कि बंद पड़े मार्गों में से 25 मार्ग जल्द यातायात के लिए बहाल हो जाएंगे। वहीं, 32 सडकें मंगलवार तक बहाल हो जाएंगी। 18 मार्ग आठ जनवरी तक बहाल होने का दावा किया जा रहा है। इन कार्यों के लिए लोक निर्माण विभाग द्वारा 72 मशीनें लगाई हैं। इसके अलावा राज्य में कई स्थानों पर ट्रांसफार्मर भी बंद पड़े हुए हैं। राज्य के केलांग में चार, चंबा में दो और कुल्लू में 11 ट्रांसफार्मर बंद पडे़ हुए हैं। ट्रांसफार्मर बंद होने से लोगों को सर्द रातें अंधेरे में काटनी पड़ रही हैं।

नुकसान का आंकड़ा पहुंचा 105 करोड़

हिमाचल में विंटर सीजन के दौरान नुकसान का आंकड़ा 105 करोड़ तक पहुंच गया है। विंटर सीजन में लोक निर्माण विभाग को सबसे ज्यादा 63 करोड़ 12 लाख 18 हजार की चपत लगी है।

किसानों-बागबानों को मिली बड़ी राहत

शिमला – हिमाचल प्रदेश में पहाड़ों पर फिर से ताजा हिमपात हुआ है। राज्य के निचले क्षेत्रों में दिनभर बारिश का सिलसिला जारी रहा। बर्फबारी व बारिश के बाद किसानों-बागबानों ने राहत की सांस ली है।  प्रदेश में मौसम बदलने से किसानों व बागबानों के चेहरे खिल उठे हैं। लंबे समय से ड्राई स्पैल चल रहा था। हालांकि वह अभी भी पूरी तरह से टूटा नहीं है, लेकिन किसानों-बागबानों को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में उनकी फसल के लिए यह सीजन ठीक रहेगा। पहले सेब के लिए चिलिंग ऑवर्स खत्म होने का डर सता रहा था। विशेषज्ञों के मुताबिक अब ऊंचाई वाले क्षेत्रों में इतनी ठंड है कि सेब व दूसरे गुठलीधार फलों को चिलिंग ऑवर्स मिल जाएंगे। मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि सेब की पैदावार के लिए कुछ उम्मीद बढ़ी है, लेकिन आने वाले दिनों में मौसम का यह क्रम किस तरह का रहेगा , इस पर निगाहें हैं। वहीं, प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों में भी बारिश हुई है, जिससे वहां खेतों की नमी लौटेगी।


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