देश में दबाई जा रही कर्मियों की आवाज

By: Jan 29th, 2020 12:01 am

बिहार के बिजली कर्मियों पर लाठीचार्ज के विरोध में यूनियन

नादौन – हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड कर्मचारी यूनियन ने बिहार में बिजली कर्मचारियों व इंजीनियरों द्वारा सोमवार को निजीकरण के विरोध में किए जा रहे शांतिपूर्ण आंदोलन के दौरान पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज को एक अमानवीय व तानाशाही पूर्ण घटना बताया है। यह बात  हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड कर्मचारी यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप सिंह खरबाड़ा ने कही। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार द्वारा कर्मचारियों की आवाज को दबाने के लिए करवाया गया यह लाठीचार्ज लोकतंत्र की हत्या का एक नमूना है। यूनियन ने भारत सरकार के बिजली मंत्री आरके सिंह से कहा है कि बिजली सुधारों के नाम पर बिजली क्षेत्र को धनासेठों पर लुटाने की योजना को बंद किया जाए। उन्होंने कहा कि किसी भी देश के अंदर औद्योगिक क्रांति लाने के लिए बिजली की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है, लेकिन देश के अंदर जब विद्युतीकरण करना था, तब किसी भी निजी औद्योगिक घराने का बिजली क्षेत्र के विकास में कोई योगदान नहीं रहा है, लेकिन आज जनता के पैसे से देश के अंदर खड़े किए गए विशाल बिजली के ढांचे को चंद उद्योगपतियों के हाथों में देने के लिए काले कानून बनाए जा रहे हैं, जिनको कदापि बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जल्द ही पूरे देश के कर्मचारियों व अभियंताओं की राष्ट्रीय समन्वय समिति की बैठक होने जा रही है, जिसमें आंदोलन की आगामी रणनीति तय की जाएगी। पूरे देश का बिजली कर्मचारी व इंजीनियर बिजली क्षेत्र के नीलामी के विरोध में एकजुटता के साथ संघर्ष के मैदान में उतरेगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा किए जा रहे बिजली कानून-2003 में संशोधन का बिजली कर्मचारियों व इंजीनियरों की सेवा शर्तों व सेवानिवृत्ति के लाभों पर भी विपरीत असर पड़ेगा।


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