नड्डा आज बनेंगे भाजपा के सरदार…बिलासपुर में बहार

By: Jan 20th, 2020 12:20 am

ताजपोशी समारोह में हिस्सा लेने के लिए प्रदेश-जिला के नेता-कार्यकर्ता दिल्ली रवाना

बिलासपुर – जेपी आंदोलन से राजनीतिक पटल पर अपनी पहचान कायम करने वाले जगत प्रकाश नड्डा सोमवार को विश्व की सबसे बड़ी पार्टी की कमान संभालेंगे। दिल्ली में एक तय चुनावी प्रक्रिया के तहत राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर नड्डा के नाम का ऐलान होगा। इस शुभ अवसर पर अपनी भागीदारी सुनिश्चित करवाने के लिए हिमाचल के सभी विधानसभा क्षेत्रों से नेता व कार्यकर्ता दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं। अहम बात यह है कि नड्डा गृहजिला बिलासपुर से भारी संख्या में बीजेपी वर्कर्ज और नेता रवाना हुए हैं। वहीं, 29 फरवरी को जेपी नड्डा के बड़े बेटे गिरीश नड्डा की शादी तय की गई है, जिसके चलते तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। अपने बड़े बेटे की शादी समारोह की तैयारियों को लेकर विजयपुर पहुंची डा. मल्लिका नड्डा भी बच्चों के साथ दिल्ली लौट गई हैं। जेपी नड्डा के पिता डा. नारायण लाल नड्डा अपने होनहार बेटे की राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर ताजपोशी घर से टीवी पर लाइव देखेंगे। रविवार को बिलासपुर जिला से सैकड़ों वाहन दिल्ली रवाना हुए। तीनों विधायक सुभाष ठाकुर, राजेंद्र  गर्ग और जेआर कटवाल के साथ ही पूर्व विधायक रणधीर शर्मा व जिलाध्यक्ष स्वतंत्र सांख्यान और वरिष्ठ नेता चमन गुप्ता, स्वदेश ठाकुर व महिपाल सांख्यान सहित कई अन्य कार्यकर्ता दिल्ली गए हैं। संयमशील एवं मृदुभाषी जेपी नड्डा के ताजपोशी समारोह में बिलासपुर बढ़-चढ़कर उपस्थिति दर्ज करवाएगा। पिछले दिन हिमाचल बीजेपी अध्यक्ष का चुनाव भी हुआ है, जिसके तहत डा. राजीव बिंदल की ताजपोशी की गई है। यहां गौर करने वाली बात यह है कि राजीव बिंदल भी स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं और जेपी नड्डा प्रदेश और फिर केंद्र में स्वास्थ्य मंत्री रहे हैं। ऐसे में इसे संयोग ही कहा जाएगा कि जब प्रदेश और देश में संगठन की कमान स्वास्थ्य मंत्री रह चुके अनुभवी वरिष्ठ नेताओं के हाथ में होगी। मुख्यमंत्री के साथ ही मंत्रिगण, विधायक और वरिष्ठ नेताओं सहित हजारों कार्यकर्ता नड्डा की ताजपोशी समारोह में शामिल होने के लिए दिल्ली रवाना हो गए हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की कमान संभालने के बाद उम्मीद है कि जल्द ही नड्डा का हिमाचल दौरा तय होगा और इस बीच वह अपने गृहजिला बिलासपुर में भी आएंगे। जहां उनका भव्य स्वागत अभिनंदन होगा।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री रहते शुरू की आयुष्मान व इंद्रधनुष जैसी महत्त्वाकांक्षी योजनाएं

मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में बतौर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री आयुष्मान भारत और इंद्रधनुष जैसी महत्त्वाकांक्षी योजनाओं की शुरुआत करने वाले जेपी नड्डा को इस बार केंद्रीय मंत्रिमंडल में स्थान मिलने के बाद से ही स्पष्ट हो गया था कि उन्हें संगठन का दायित्व सौंपा जाएगा। अमित शाह के गृहमंत्री बनने के साथ ही उन्हें राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारी सौंपी गई थी। अब राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर सोमवार को उनकी विधिवत ताजपोशी हो जाएगी। हिमाचल जैसे छोटे से पहाड़ी राज्य से ताल्लुक रखने वाले नड्डा विश्व की सबसे बड़ी पार्टी का जिम्मा संभालेंगे। बिलासपुर जिला से हजारों कार्यकर्ता दिल्ली जाने के लिए कार्यक्रम तय कर चुके हैं।

जेपी आंदोलन से बनाई सियासी पहचान

यहां बता दें कि वर्ष 1975 में हुए जेपी आंदोलन से जेपी नड्डा सियासी पहचान में आए। देश के सबसे बड़े आंदोलनों में गिने जाने वाले इस आंदोलन से नड्डा के राजनीतिक भविष्य का उदय हुआ। इसके बाद वह बिहार में एबीवीपी में शामिल हुए और 1977 में पटना विश्वविद्यालय में छात्र संगठन चुनाव जीतकर सचिव बने थे। 1977 से लेकर 1979 तक रांची में रहे हैं। उनके पिता डा. नारायणलाल नड्डा रांची विश्वविद्यालय के कुलपति रहे हैं और पटना विश्वविद्यालय में प्रोेफेसर के रूप में सेवाएं दे चुके हैं। पटना विश्वविद्यालय से स्नातक तक की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने शिमला विश्वविद्यालय में एलएलबी की पढ़ाई की और इस दौरान वह विश्वविद्यालय में एबीवीपी के अध्यक्ष बने थे।  इसके बाद 1989 तक विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महासचिव रहे। किसी भी प्रकार की चुनौती हर्षपूर्ण स्वीकार करने वाले नड्डा आज बीजेपी संगठन में सबसे ऊंचे पद पर पहुंचे हैं।

जेपी नड्डा का राजनीतिक सफर

जेपी नड्डा 1989 में केंद्र सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन में भाग लिया था और 45 दिनों तक हवालात में रहे थे। 1998 में हुए लोकसभा चुनाव में उन्हें भाजपा ने भाजयुमो का चुनाव प्रभारी नियुक्त किया था। 1991 में भाजयुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने। 1993 में पहली बार सदर बिलासपुर से विधायक चुने गए और नेता प्रतिपक्ष बने। 1998 में दोबारा विधायक चुने गए और भाजपा सरकार में स्वास्थ्य मंत्री बनाए गए। फिर 2007 में भाजपा के सत्ता में आने के बाद वन, पर्यावरण एवं संसदीय मामलों के मंत्री चुने गए। 2011 में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव बने और 2014 में केंद्र में मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में उन्हें स्वास्थ्य मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई। इस दौरान भाजपा संसदीय बोर्ड में सचिव का दायित्व भी उनके पास रहा। पिछले साल राज्यसभा सदस्य नियुक्त किए जाने के बाद उन्हें पार्टी ने राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाया।


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