युवा महर्षि कंणाद व्याख्यान माला से जानेंगे वैज्ञानिकों का योगदान

By: Jan 1st, 2020 12:01 am

धर्मशाला – केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला की एकेडमिक काउंसिल और एग्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठकों में कई विषयों पर चर्चा की गई। इसमें नॉन टीचिंग की आयु सीमा बढ़ाने का निर्णय लिया गया। अब इसमें आवेदन करने के लिए आयु सीमा 45 वर्ष की गई है। इसके अलावा विश्वविद्यालय में हुई नियुक्तियों को लेकर भी पुष्टि कर दी गई है। वहीं ईसी की बैठक में महत्त्वपूर्ण निर्णय लिया गया है, जिसमें प्राचीन भारत के महान वैज्ञानिकों आर्यभट्ट, महर्षि कंणाद सहित अन्य वैज्ञानिकों के साइंस में किए गए योगदान को लेकर अध्ययन किया जाएगा। इसके लिए हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विवि में साइंस विभाग में महर्षि कंणाद व्याख्यान माला शुरू की गई है। इसके अलावा मैथेमैटिक्स डिपार्टमेंट का नाम बदलकर अब भारत के प्रसिद्ध गणितज्ञ रामानुजम के नाम से किया गया है। अब गणित विभाग को रामानुजम गणित विभाग रखा गया है। इसके अलाला सीयू के पुस्तकालय का नाम भी अब मध्य एशिया के स्कॉलर आचार्य रघुवीर के नाम से रखा गया है। वहीं केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला के वाइस चेयरमैन डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री का कहना है कि ईसी की बैठक में प्राचीन भारत के वैज्ञानिकों के साइंस में दिए गए योगदान को लेकर अध्ययन के लिए महर्षि कंणाद व्याख्यान माला कार्यक्रम शुरू किया गया है।


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