लावारिस पशु… दस दिन का अल्टीमेटम

By: Jan 28th, 2020 12:20 am

स्वारघाट –आवारा पशुओं और जंगली जानवरों से परेशान उपमंडल स्वारघाट की ग्राम पंचायत तन्बौल की जनता ने हिमाचल किसान मंच के बैनर तले सरकार के खिलाफ  संघर्ष का बिगुल बजा दिया है। तन्बौल में आयोजित बैठक में तन्बौल पंचायत के विभिन्न गांवों के किसानों ने एकजुट होकर हिमाचल किसान मंच को खुला समर्थन दिया है। इस बैठक में हिमाचल किसान मंच के मुख्य संयोजक एवं नयनादेवी विधानसभा के पूर्व विधायक केके कौशल, वरिष्ठ अधिवक्ता एवं भाजपा नेता दौलत राम शर्मा, प्रदेश इंटक के उपाध्यक्ष एवं अधिवक्ता भगत सिंह वर्मा व पूर्व कर्मचारी नेता केश पठानिया मौजूद रहे। हिमाचल किसान मंच के मुख्य संयोजक एवं नयना देवी विधानसभा के पूर्व विधायक केके कौशल ने अपने संबोधन में कहा कि तन्बौल पंचायत में 150 से ज्यादा आवारा पशु हैं, जो कि दिन-रात किसानों की फसलों को तबाह कर रहे हैं। आवारा पशुओं और जंगली जानवरों से फसलों को बचाने के लिए किसान चाहे गर्मी हो, बरसात हो या कंपकंपाती ठंड दिन-रात पहरा देते हैं और इस दौरान वे बीमार भी हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले दस वर्षों से आवारा पशु व जंगली जानवर किसानों के खेतों को उजाड़ रहे हैं, लेकिन कोई भी सरकार किसानों की इस समस्या का स्थायी हल नहीं कर पाई है। उन्होंने कहा कि अब किसान लंबे समय तक ज्यादती सहन नहीं करेंगे। किसान अब संघर्ष का बिगुल बजाने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि आवारा पशुओं और जंगली जानवरों से परेशान क्षेत्र के कई किसानों ने तो खेती करना भी छोड़ दिया है। इस बैठक में ग्राम पंचायत टाली-जकातखाना में बन रहे गोसदन के बारे में भी चर्चा की गई। केके कौशल ने प्रदेश सरकार को दस दिन का अल्टीमेटम देते हुए इन आवारा पशुओं का बंदोबस्त करने के लिए कहा है या फिर किसानों को पांच हजार रुपए प्रति बीघा मुआवजा देने की वकालत की है। अगर दस दिन के अंदर ऐसा नहीं होता तो जुझारू आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा, जिसमें किसान अपनी गिरफ्तारियां देने के लिए भी तैयार होंगे।

 


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