विकास के हिमालय छूता हिमाचल

By: Jan 25th, 2020 12:05 am

कर्म सिंह ठाकुर

लेखक, मंडी से हैं

हिमाचल प्रदेश को ‘देवभूमि’ तथा ‘फलराज्य’ के नाम से भी जाना जाता है। इस क्षेत्र में आर्यों का प्रभाव ऋग्वेद से भी पुराना है। देवों की भूमि की उपमा से विख्यात इस प्रदेश का दीदार करने के लिए देशी तथा विदेशी जनमानस तत्पर रहता है। भारत की आजादी के समय इस पहाड़ी क्षेत्र के अनेक नेताओं ने अपनी कुर्बानी देकर आजादी की लड़ाई में भरपूर योगदान दिया था। 15 अगस्त 1947 को भारत की आजादी के समय हिमाचल प्रदेश महज पंजाब राज्य के साथ पहाड़ी क्षेत्र के रूप में जाना जाता था। हिमाचल निर्माता डा. यशवंत सिंह परमार के प्रयासों से 15 अप्रैल 1948 को मंडी, चंबा, महासू, सिरमौर जिलों को मिलाकर हिमाचल प्रदेश राज्य का निर्माण संभव हो पाया…

हिमाचल  प्रदेश उत्तर पश्चिमी भारत में स्थित एक राज्य है। हिमाचल प्रदेश के उत्तर में जम्मू-कश्मीर, दक्षिण पश्चिम में पंजाब, दक्षिण में हरियाणा, दक्षिण पूर्व में उत्तराखंड तथा पूर्व में तिब्बत ‘चीन की  सीमाओं से घिरा है। हिमाचल प्रदेश का शाब्दिक अर्थ ‘बर्फीले पहाड़ों का प्रांत है। हिमाचल प्रदेश को ‘देवभूमि तथा ‘फलराज्य के नाम से भी जाना जाता है। इस क्षेत्र में आर्यों का प्रभाव ऋग्वेद से भी पुराना है। देवों की भूमि की उपमा से विख्यात इस प्रदेश का दीदार करने के लिए देशी तथा विदेशी जनमानस तत्पर रहता है। भारत की आजादी के समय इस पहाड़ी क्षेत्र के अनेक नेताओं ने अपनी कुर्बानी देकर आजादी की लड़ाई में भरपूर योगदान दिया था। 15 अगस्त 1947 को भारत की आजादी के समय हिमाचल प्रदेश महज पंजाब राज्य के साथ पहाड़ी क्षेत्र के रूप में जाना जाता था। हिमाचल निर्माता डा. यशवंत सिंह परमार के प्रयासों से 15 अप्रैल 1948 को मंडी, चंबा, महासू, सिरमौर जिलों को मिलाकर हिमाचल प्रदेश राज्य का निर्माण संभव हो पाया। 26 जनवरी 1950 को हिमाचल को पार्ट सी स्टेट का दर्जा मिला। एक जुलाई 1954 को बिलासपुर हिमाचल का पांचवंा जिला बना। एक नवंबर 1956 को हिमाचल को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया। पंजाब पुनर्निर्माण एक्ट-1966 के तहत पंजाब राज्य के कुछ हिस्सों का विलय हिमाचल प्रदेश में कर दिया गया। एक नवंबर 1966 को हिमाचल प्रदेश का क्षेत्रफल 055,673 वर्ग किलोमीटर हो गया। अब प्रदेश के नेताओं के समक्ष प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाना सबसे बड़ी चुनौती थी जिसके लिए निरंतर प्रयास किए गए और 18 दिसंबर 1970 को हिमाचल प्रदेश एक्ट पास किया गया। 25 जनवरी 1971 को शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान से भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जी द्वारा हिमाचल प्रदेश को भारतवर्ष का 18वां राज्य घोषित किया। सिरमौर जिला से संबंध रखने वाले डा. यशवंत सिंह परमार हिमाचल प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री बने तथा इस प्रदेश की राजधानी शिमला में स्थापित की गई जो कि ब्रिटिश शासन में भारत की ग्रीष्मकालीन राजधानी थी। पूर्ण राज्य की प्राप्ति के समय हिमाचल प्रदेश में 55,673 वर्ग किलोमीटर के साथ 12 जिलों के साथ अपनी विकास गाथा को लिखने के रूप में अस्तित्व में आया। प्रदेश की विपरीत भौगोलिक परिस्थितियों के कारण संपूर्ण भारत की निगाहें थी कि यह छोटा सा प्रदेश किस तरह से भारत के मानचित्र पर अपना अस्तित्व कायम रख पाएगा, लेकिन हिमाचल के ईमानदार, कर्मठ तथा भोले-भाले लोगों ने निरंतर कड़ी मेहनत करके अनेक क्षेत्रों में ख्याति प्राप्त की है। आज यह छोटा सा प्रदेश हर वर्ष लाखों पर्यटकों को गगनचुंबी पहाड़ों, गौरवमय सांस्कृतिक परंपराओं तथा स्वादिष्ट व्यंजनों के दीदार का मुख्य स्थल बन गया है। प्रदेश की पहाड़ी टोपी, शाल, रूमाल भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहनावे तथा वैश्विक मंचों में उपहार में दिए जाने वाले मुख्य उत्पाद बन चुके हैं। प्रदेश के चप्पे-चप्पे में फल उत्पादन देखने को मिलता है। सेब, अनार, अमरूद, खुमानी इत्यादि फलों के उत्पादन में प्रदेश ने अनेकों मुकाम हासिल किए हैं। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार इस पहाड़ी प्रदेश में 82 प्रतिशत लोग पढ़े-लिखे हैं, जोकि प्रदेश की आर्थिकी में तथा समाज के उत्थान में महत्त्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं। आज हिमाचल प्रदेश स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, पानी, सड़क निर्माण इत्यादि अनेेक क्षेत्रों में भारत के अन्य राज्यों से बेहतर है। आज इस छोटे से प्रदेश से निकला बिलासपुर जिला से संबंध रखने वाला नेता जगत प्रकाश नड्डा विश्व के सबसे बड़े राजनीतिक दल का अध्यक्ष बन चुका है। वहीं चाणक्य कहा करते थे कि ‘वित्त ही सरकार हैÓ आज भारत के वित्त विभाग में हमीरपुर जिला से संबंध रखने वाले अनुराग ठाकुर राज्य वित्त एवं कारपोरेट मंत्री के पद पर हैं। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कर्मभूमि भी हिमाचल की तपोभूमि रही है। वर्तमान हिमाचल आज नई गाथा लिख रहा है। 25 जनवरी 1971 से लेकर अब तक डा. यशवंत सिंह परमार, ठाकुर रामलाल, शांता कुमार, वीरभद्र सिंह, प्रेम कुमार धूमल तथा जयराम ठाकुर जैसे दिग्गज मुख्यमंत्रियों ने हिमाचल के विकास में अपना योगदान सुनिश्चित किया है। इस प्रदेश में राजनीतिक स्थिरता बनी रहती है। यही कारण है कि प्रदेश राष्ट्रीय पटल पर अनेक नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। 27 दिसंबर 2017 को हिमाचल प्रदेश की जनता ने मंडी जिला के साधारण पारिवारिक पृष्ठभूमि से संबंध रखने वाले नेता जयराम ठाकुर को प्रदेश के मुख्यमंत्री का पद दिलाकर यह साबित कर दिया कि इस प्रदेश का कोई भी साधारण सा व्यक्ति भी सर्वोच्च पद को प्राप्त कर सकता है। जयराम ने सत्ता संभालते ही अपने पहले बजट में अनेक नवीन योजनाओं की रूपरेखा तैयार की तथा उन्हें धरातल पर उतारने के लिए अधिकारियों के साथ सामंजस्य स्थापित करने के अनेकों प्रयास किए हैं। मुख्यमंत्री गृहिणी योजना,  हिम केयर, जनमंच, मुख्यमंत्री संकल्प सेवा जैसी योजनाएं प्रदेश की जनता के लिए वरदान साबित हो रही हैं, लेकिन प्रदेश सरकार के सामने चुनौतियों की भी कमी नहीं है, बेलगाम होती बेरोजगारी, ऋण में डूबती अर्थव्यवस्था, नशाखोरी तथा मिलावट प्रदेश की जनता पर भारी पड़ रही है, लेकिन वर्ष 2019 में लोकसभा के चुनावों में तथा हिमाचल प्रदेश विधानसभा के उपचुनावों में प्रदेश की जनता ने जयराम ठाकुर की सरकार पर विश्वास जताया है। अब देखना दिलचस्प होगा कि प्रदेश सरकार आगामी तीन वर्षों में प्रदेश की जनता को अपनी तरफ कितना आकर्षित कर पाती है क्योंकि पिछले करीब दो दशकों से हिमाचल प्रदेश की सत्ता में कोई भी राजनीतिक दल रिपीट करने में सफल नहीं हो पाया है।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App