सब एडिटर्ज को भी करें शामिल

By: Jan 18th, 2020 12:20 am

नालागढ़, बद्दी, बीबीएन –नेशनल यूनियन आफ जर्नलिस्टस इंडिया हिमाचल इकाई ने प्रदेश सरकार द्वारा पत्रकारों को दिए गए लैपटॉपों में मान्यता प्राप्त उपमंडल के पत्रकारों को दरकिनार किए जाने का कड़ा विरोध किया है। एनयूजे इंडिया की प्रदेश इकाई ने कहा कि जब सरकार ने नीति बनाई थी तो कहा गया था कि  प्रदेश के समस्त मान्यता प्राप्त पत्रकारों को लैपटॉप दिए जाएंगे तो उसमें से किसके कहने से व क्यों सिर्फ  जिला व प्रदेश स्तर के पत्रकारों को ही इसमें शामिल किया गया। उममंडल स्तर के मान्यता प्राप्त पत्रकारों को इस योजना से वंचित किया जाना भेदभाव को दर्शाता है जिसको अब सहन नहीं किया जाएगा। एनयूजे इंडिया के प्रदेश महामंत्री किशोर ठाकुर, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सुरेंद्र अत्री, सुमित शर्मा, हेमंत शर्मा, जोगिंद्र देव आर्य, प्रदेश उपाध्यक्ष गोपाल दत्त शर्मा व सलीम कुरैशी ने कहा कि उपमंडल के संवाददाता ही फील्ड के वो रिपोर्टर होते हैं जो कि गांव गांव जाकर सरकार की नीतियों का जनता तक पहुंचाते हैं और जनता की समस्याओं को सरकार तक। सुरेंद्र अत्री ने कहा कि जयराम सरकार ने लैपटॉप बांटने में अपनी नीतियों से हटकर काम किया है और पत्रकारों को ही इस मुद्दे पर बांट दिया। अगर उपमंडल के मान्यता प्राप्त पत्रकारों की जरूरत नहीं तो सरकार को तुरंत उनकी मान्यता भी रद्द कर देनी चाहिए कोई फर्क नहीं पडेगा। हालांकि एसोसएिशन जिला व प्रदेश स्तर के पत्रकारों को लैपटॉप देने का स्वागत करती है वहीं दूसरी ओर उपमंडल स्तर के पत्रकारों को लैपटॉप न देने से निराश भी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबका साथ, सबका विकास नारे को जयराम सरकार ने एक प्रकार से झूठला ही दिया है। उन्होंने कहा कि सरकारी योजनाओं को आम जनता तक पहुंचाने में उपमंडल स्तर के पत्रकारों को भी उतना ही योगदान है जितना की जिला व प्रदेश स्तर के पत्रकारों को होता है । उन्होंने कहा कि फील्ड में कार्यरत पत्रकार ज्यादा मेहनत करते हैं। प्रदेश के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जोगिंद्र आर्य व गोपाल दत्त शर्मा ने कहा कि जयराम सरकार की इस भेदभाव पूर्ण नीति का एनयूजे इंडिया कड़ा विरोध करती है। उन्होंने कहा कि उनकी एसोसिएशन फील्ड में कार्यरत पत्रकारों के हकों की लड़ाई लड़ेगी और इसके लिए जिस स्तर पर भी जाने की जरूरत होगी जाया जाएगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में 400 के करीब उपमंडल स्तर के पत्रकार विभिन्न समाचार पत्रों में कार्यरत हैं। जो कि सरकार की आंख, कान व नाक का काम करते हैं। यदि इन पत्रकारों के साथ ही जयराम सरकार भेदभाव करेगी, तो ऐसा कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।  प्रदेश महामंत्री किशोर ठाकुर ने आरोप लगाया कि सरकार के पास विधायकों, सांसदों, निगमों,बोर्डों के अध्यक्ष व उपाध्यक्षों को गैर उचित आर्थिक लाभ देने के लिए सरकारी खजाना खुला है, लेकिन जब बात उपमंडल के पत्रकारों को सुविधा देने की आती है तो सरकार आर्थिक तंगी का रोना रोने लग जाती है। किशोर ने कहा कि पत्रकारों के साथ हुए इस भेदभाव को प्रधानमंत्री के अलावा राज्यपाल तथा पार्टी हाईकमान के समक्ष भी उठाया जाएगा। एनयूजे इंडिया के प्रदेशाध्यक्ष रणेश राणा ने पत्रकारों के साथ हो रहे भेदभाव का मुददा ऊना में हो रहे राज्य स्तरीय सम्मेलन में 23 जनवरी को गूंजेगा। उन्होने कहा कि हिमाचल को भी हरियाणा-पंजाब की तर्ज पर पेंशन लागू करने की घोषणा इसी बजट में करनी चाहिए जिसमें डेस्क के पत्रकारों व उप संपादकों को भी शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भेदभाव का मुद्दा जयपुर में होने वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में भी  पहली फरवरी को भी उठेगा।


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