स्कॉलरशिप में दूसरी बार घोटाला करने की तैयारी
दर्जनों शिक्षण संस्थानों ने जब्त किए छात्रों के अकाउंट नंबर
शिमला – हिमाचल प्रदेश में करोड़ों के स्कॉलरशिप घोटाले के बाद भी निजी शिक्षण संस्थान अभी भी अपनी मनमानी से बाज नहीं आ रहे हैं। हैरानी की बात है कि दर्जनों शिक्षण संस्थानों ने अभी भी एससी, एसटी व ओबीसी वजीफा पात्र छात्रों के अकाउंट नंबर अपने पास जब्त कर लिए हैं। वहीं, शिक्षण संस्थान इस फिराक में हैं कि कब शिक्षा विभाग से अकाउंट में स्कॉलरशिप आए और वे इसे जल्द अपने अकाउंट में ट्रांसफर करें। शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारियों ने इसका खुलासा किया है। दरअसल वर्ष 2018-2019 के एससी, एसटी व ओबीसी के छात्रों को छात्रवृत्ति इन दिनों शिक्षा विभाग डाल रहा है। छात्रों के अकाउंट में सीधे यह राशि शिक्षा विभाग डाल रहा है। वजीफा डालने से पहले हर छात्र को फोन भी किया जा रहा है। विभाग के अधिकारियों द्वारा शक के आधार पर हजारों ऐसे छात्रों को फोन किया गया, ऐसे में इन छात्रों ने बताया कि उनके पास अपना अकाउंट नंबर ही नहीं है। शिक्षा विभाग ने साफ किया है कि अब छात्रों का वजीफा सीधे उनके अकाउंट में ही जाएगा। सूत्रों की मानें तो एससी, एसटी व ओबीसी वजीफा पात्र छात्रों से कई शिक्षण संस्थानों ने पूरी फीस लेने के बाद भी उन्हें रसीद नहीं दी। इसके अलावा सरकार की ओर से छात्रों को निजी खर्चे के लिए मिलने वाले चार से पांच हजार रुपए भी कई संस्थानों ने ले लिए। बताया जा रहा है कि शिक्षा विभाग ने हजारों छात्रों की वेरिफिकेशन पूरी न होने की वजह स्कॉलरशिप रोक दी है। अब शिक्षा विभाग इन छात्रों को तभी वजीफा राशि देगा, जब वे अपना अकाउंट नंबर व पासवर्ड अपने पास ही रखेंगे। शिक्षण संस्थानों के पास छात्रों के जो अकाउंट नंबर हैं, उनमें कोई भी राशि नहीं डाली जाएगी। शिक्षा विभाग के इस फैसले से प्रदेश व राज्य के बाहर के शिक्षण संस्थानों के लिए भी बड़ा झटका है। बताया जा रहा है कि भारत सरकार के सख्त आदेशों के बाद भी अब शिक्षा विभाग वजीफा राशी डालने से पहले तीन से चार बार वेरिफिकेशन कर रहा है। बताया जा रहा है कि शिक्षा विभाग ने जो निजी शिक्षण संस्थान छात्रों के अकाउंट नंबर पर अपना कब्जा जमा रहे हैं, उनको कुछ समय का वक्त दिया गया है। वहीं, यह भी साफ किया है कि अगर तय समय पर शिक्षण संस्थानों से छात्रों के फॉर्म वेरिफिकेशन के बाद नहीं आते हैं, तो ऐसे में वजीफे पर खतरा पैदा हो सकता है। इसके अलावा शिक्षा विभाग ने जिन संस्थानों की पहचान की है, उन्हें नोटिस भी जारी किए हैं। कई संस्थानों ने तो ऐसे छात्रों के फॉर्म भी वजीफे के लिए भेजे हैं, जो एक महीने ट्रेनिंग लेने के बाद छोड़कर चले गए हैं।
ब्लैकलिस्ट हो सकते हैं शिक्षण संस्थान
जो शिक्षण संस्थान निर्देशों के बाद भी छात्रों के अकाउंट नंबर अपने पास रख रहे हैं, उन्हें ब्लैक लिस्ट भी किया जा सकता है। शिक्षा विभाग ने इसको लेकर साफ किया है कि शिक्षण संस्थान छात्रों के अकाउंट नंबर अपने पास न रखें। सूत्रों की मानें छात्रों के अकाउंट नंबर लेने वाले संस्थान हिमाचल से बाहर के हैं।
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