अब लाइसेंस के लिए ट्रेनिंग जरूरी

By: Feb 7th, 2020 12:01 am

परिवहन विभाग की योजना, सभी आरटीओ में खुलेंगे टी-ड्राइविंग एजुकेशन सेंटर

हमीरपुर  – मौजूदा समय में होने वाले अधिकतर सड़क हादसे मानवीय भूलों के कारण होते हैं, क्योंकि वर्तमान में वाहनों में जो तकनीक इजाद की जा रही है, उसमें दुर्घटनाएं होने की संभावना न के बराबर है। ऐसे में ड्राइवर को प्रशिक्षित करने के लिए परिवहन विभाग हर जिले के आरटीओ कार्यालयों में टी-ड्राइविंग एजुकेशन सेंटर खोलने जा रहा है। जिला ऊना से इसकी शुरुआत कर दी गई है। इस बात की जानकारी डायरेक्टर ट्रांसपोर्ट जेएम पठानिया ने गुरुवार को हमीरपुर में दी। वह यहां जिले के सभी ट्रांसपोर्र्ट्स की समस्याओं को जानने पहुंचे थे। यहां पत्रकारों से बातचीत में डायरेक्टर ट्रांसपोर्ट ने बताया कि ऐसा भी प्रावधान किया जा रहा है कि जिस भी ड्राइवर का लाइसेंस सस्पेंड होगा, उसे बहाल करने से पूर्व उसे भी दो घंटे की टी-ड्राइविंग एजुकेशन सेंटर में ट्रेनिंग करवाई जाएगी, ताकि भविष्य में उसे याद रहे कि किस गलती के कारण उसका लाइसेंस सस्पेंड हुआ था। उन्होंने बताया कि परिवहन विभाग अब ऑटोमैटिक ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक बनाएगा। इसके लिए हमीरपुर, बद्दी, जसूर और कांगड़ा में जगह चिन्हित की गई है। ट्रैकिंग सिस्टम डिसाइड करेगा कि उसकी ड्राइविंग कैसी है। उन्होंने बताया कि हालांकि इसका खर्चा बहुत अधिक है, लेकिन दो टै्रक का खर्च भारत सरकार देगी।

ई-रिक्शा चलाए जाने का प्रोपोजल

हमीरपुर में 40 थ्री-व्हीलर को परमिट दिए जाने के सवाल पर डायरेक्टर ट्रांसपोर्ट ने कहा कि शहर में ज्यादा शोर-शराबा न हो, इसके लिए ई रिक्शा चलाए जाने की योजना है। उन्होंने कहा कि हमीरपुर क्या अन्य जगहों पर भी ई-रिक्शा चलाए जाएंगे, क्योंकि इससे एक तो वायु प्रदूषण नहीं होगा, वहीं ध्वनि प्रदूषण से भी शहरवासियों को निजात मिलेगी। टैक्सियों के मुकाबले इनका किराया भी लगभग आधा होगा।


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