इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन अथारिटी को हरी झंडी
मुख्य सचिव ने दी मंजूरी; अब मंत्रिमंडल में जाएगा विधेयक
शिमला – हिमाचल प्रदेश में निवेश लाने को नया ढांचा खड़ा होने जा रहा है। पांच राज्यों के बाद यहां इन्वेस्टमेंट प्रमोशन अथारिटी को निवेश का जिम्मा सौंपा जाएगा। विधानसभा के इस सत्र में विधेयक को मंजूरी मिलेगी, जिससे पहले कैबिनेट से इस प्रस्ताव को पास किया जाएगा। इस प्रक्रिया को पूरा करने से पहले बुधवार को मुख्य सचिव अनिल खाची ने इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन अथारिटी को अपनी हरी झंडी दे दी है। सूत्रों के अनुसार इस प्रारूप पर मुख्य सचिव के साथ एक बैठक की गई, जिन्होंने पूरा ड्राफ्ट पढ़ने और इस पर चर्चा के बाद इसे आगामी कार्रवाई के लिए भेज दिया। इसमें कानून विभाग व वित्त महकमे की संस्तुति ली जाएगी और यह ड्राफ्ट कैबिनेट के सामने रखा जाएगा, ताकि विधानसभा में इसे विधेयक के रूप में मंजूरी दिला दी जाए। इस इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन अथारिटी को उद्योग निदेशक की कई शक्तियां हस्तांतरित की जा रही हैं। सूत्रों के अनुसार सिंगल विंडो का पूरा काम यही प्रोमोशनल अथारिटी देखेगी, जो कि अभी तक उद्योग विभाग देख रहा है। इसमें वरिष्ठ आईएएस अधिकारी को चेयरमैन बनाया जाएगा, जिसके अधीन ऐसे लोगों को रखा जाएगा जो केवल यहां पर निवेश लाने का ही काम करेंगे। निवेशकों को यहां पर क्या सुविधा दी जाए उनको किन-किन बातों की जरूरत है, उनको जमीन की उपलब्धता व एनओसी आदि का पूरा काम फिर एक ही एजेंसी के हवाले आ जाएगा। अभी तक अलग से सरकार के पास ऐसी कोई एजैंसी नहीं है और विभाग जोकि दूसरे कई काम देख रहा है, उसी से निवेश को आकर्षित करने का काम भी करवाया जा रहा है।
इन राज्यों के मॉडल पर हुआ अध्ययन
अभी तक तेलंगाना, पंजाब, आंध्र प्रदेश, हरियाणा व उत्तर प्रदेश में इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन अथारिटी बनाई गई है। इन राज्यों में भी इन्वेस्टर मीट हो चुकी है। माना जा रहा है कि हिमाचल में बनने वाली अथारिटी इन राज्यों से बेहतर व अधिक प्रभावशाली होगी, जिनके माडल को यहां स्टडी करने के बाद इसे बनाया जा रहा है।
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