एबीवीपी कार्यकर्ताओं पर केस

By: Feb 26th, 2020 12:30 am

शिमला – फर्जी डिग्री मामले पर एबीवीपी कार्यकर्ताओं को नियामक आयोग के कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन करना भारी पड़ गया है। शिमला पुलिस प्रशासन ने आयोग के दफ्तर के बाहर प्रदर्शन के माध्यम से माहौल खराब करने वाले कार्यकर्ताओं पर मामले दर्ज किए हैं। एबीवीपी के सचिव सहित दर्जनों कार्यकर्ताओं पर ये मामले दर्ज हुए है। जानकारी के अनुसार आईपीसी धारा 147, 149, 341 के तहत ये मामले दर्ज हुए है। बताया जा रहा है कि अब इन सभी कार्यकर्ताओं से पूछताछ पुलिस प्रशासन करेगा। जानकारी के अनुसार मंगलवार को एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने शिक्षा नियामक आयोग के कार्यालय के बाहर खूब हल्ला किया। एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने नियामक आयोग के गेट को भी उखाड़ दिया, वहीं सदस्यों के कार्यालय के बाहर भी ताला जड़ दिया। बताया जा रहा है कि निजी विश्वविद्यालयों के फर्जीबाड़े और डिग्रियां बेचने के मामले पर एबीवीपी बिफर गई है। एबीवीपी फर्जी डिग्री मामले पर अपनी ही सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आई है। इस मुद्दे पर मंगलवार को निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग के कार्यालय में एबीवीपी ने जमकर नारेबाजी की। निजी विश्वविद्यालयों पर कार्रवाई न होने पर विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता काफी गुस्से में नजर आए। इस दौरान एबीवीपी ने पहले आयोग की सचिव पूनम का घेराव किया, उनके दफ्तर के भीतर नारेबाजी की और फिर बाहर आकर आयोग का बोर्ड उखाड़ कर तोड़ डाला। इस बीच विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता आयोग के दफ्तर में ताला लगाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इस दौरान पुलिस और एबीवीपी कार्यकर्ताओं के बीच जमकर नोक-झोंक और हल्की झड़प भी हुई। इस दौरान पुलिस के जवान गेट पर डटे रहे। हंगामा बढ़ते देख पुलिस को क्यूआरटी बुलानी पड़ी। एबीवीपी कार्यकर्ता लगातार सरकार और आयोग के चैयरमेन केके कटोच के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। इतना ही नहीं, एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने आयोग के सदस्य डा. एसपी कत्याल का भी घेराव किया और फिर उन्हें दफ्तर से बाहर निकाला। उसके बाद उनके ऑफिस में ताला जड़ दिया। एबीवीपी का कहना है कि निजी विश्वविद्यालयों पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। ऐसे में इस आयोग की कोई जरूरत नहीं है। कार्यकर्ताओं ने कहा कि नियामक आयोग कार्यालय पर भी ताला लगाना चाहिए। आयोग के कार्यालय के बाहर गरजे एबीवीपी कार्यकर्ताआें ने चेयरमैन समेत पूरे स्टाफ को हटाने की मांग की है।

 


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