ऐसे नहीं जाने देंगे आठ साल की सेवाएं

By: Feb 24th, 2020 12:01 am

धर्मशाला – प्रदेश भर में स्कूल प्रबंधन समिति द्वारा स्कूलों में ग्रांट-इन-ऐड के रूप में नियुक्त हिंदी शास्त्री, टीजीटी, जेबीटी, पीजीटी व कला अध्यापकों के पदों पर कार्यरत शिक्षकों के विरुद्ध होने जा रही भर्ती के विरोध में राजकीय अध्यापक संघ उतर आया है। राज्य अध्यापक संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा की समय रहते सही निर्णय नहीं लिया, तो मजबूरन संघ को आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार व विभाग की होगी। 19 फरवरी, 2020 को  सरकार ने एक सूचना नियुक्ति के माध्यम से जारी अधिसूचना में उक्त योजना में नियुक्त अध्यापकों को नजर अंदाज करते हुए इन पदों को खाली बताया और इन पर नई भर्ती का ऐलान कर दिया, जिसका राजकीय अध्यापक संघ ने कड़ा विरोध किया है। साथ ही राज्य अध्यापक संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने सरकार को चेताते हुए कहा कि उक्त एसएमसी अध्यापक सरकार द्वारा निर्मित पॉलिसी एसएमसी ग्रांट-इन-ऐड के अंतर्गत पिछले आठ सालों से अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इनकी आठ साल की मेहनत और लगन से दी जाने वाली अध्यापन सेवाओं को अचानक ऐसे समाप्त नहीं किया जा सकता। प्रदेश भर में दो हजार 630 एसएमसी अध्यापकों के परिवार को भूखा मरने की नोबत आ सकती है। अध्यक्ष ने कहा कि वह प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज से अनुरोध करते हैं कि इन अध्यापकों के परिवारों के भले के लिए जल्द एसएमसी अध्यापकों की बहाली व स्थायी नीति बनवाने के लिए प्रदेश के शिक्षा सचिव व शिक्षा निदेशक को बिना देरी के निर्देशित दिए जाए। आठ साल पहले नियुक्त इन अध्यापकों द्वारा दी गई सेवाओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App