चांद सी चमकती कविताएं

By: Feb 2nd, 2020 12:04 am

पुस्तक समीक्षा

काव्य संग्रह : चांद सिर्फ उनका है

कवि : हंसराज भारती

प्रकाशक : बोधि प्रकाशन, जयपुर

जिला मंडी के एक साधारण किसान परिवार से संबंध रखने वाले लेखक हंसराज भारती का एक और काव्य संग्रह ‘चांद सिर्फ उनका है’ नाम से प्रकाशित हुआ है। हंसराज भारती के अब तक तीन कहानी संग्रह व दो काव्य संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। इसके अलावा पत्र-पत्रिकाओं में इनके आलेख भी प्रकाशित होते रहते हैं। आलोच्य काव्य संग्रह 104 पृष्ठों में समेटा गया है जिसमें 57 कविताएं संकलित की गई हैं। कविताओं के विषय में विविधता है तथा काव्य संग्रह की भाषा आमजन की भाषा है। पहली कविता ‘चांद सिर्फ उनका है’ का भाव यह है कि जो लोग संघर्षशील रहते हैं और मेहनत करते हैं, वही लोग चांद को अपना बना सकते हैं। यह कविता मेहनत का संदेश देती हुई प्रतीत होती है। दूसरी कविता ‘ये किसकी नजर लगी है’ में कश्मीर की शांति को लगे ग्रहण पर चिंता दर्शाई गई है। इसी तरह काव्य संग्रह की अन्य कविताएं भी कोई न कोई संदेश जरूर देती हैं। कविताएं संदेश देने के साथ-साथ पाठक का भरपूर मनोरंजन भी करती हैं। पहाड़, आज समय, मेरे युद्ध, उदास मौसम में, वे कौन हैं, मेरी कविता, मेरा सपना, बहता लहू, दूर उस पार, बच्चे नहीं जानते और भीगी सी तुम जैसी कविताएं विभिन्न भावों को अभिव्यक्त करती हैं। परवाज दे, नदी, मौसम की हवा बदलने के लिए, वे नहीं चाहेंगे, ऐसी कहानी सुनाओ, सबकी सांझी, खेत जानते हैं, कोई नहीं, जब भी, पिता के सपने, फिर भी, जरूरत, वे जो चुप हैं, जीवन मुस्काए, वे सारे अर्थ तथा मना है नामक कविताएं रोचक बन पड़ी हैं। संग्रह की अन्य कविताएं भी पाठकों को पसंद आएंगी, ऐसी आशा है। किताब का मूल्य 150 रुपए रखा गया है जो पाठकों के लिए ज्यादा नहीं है। इस रोचक काव्य संग्रह के लिए लेखक को बधाई।

-फीचर डेस्क


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