तीन करोड़ के तारपीन को नहीं मिल रहा बाजार

By: Feb 18th, 2020 12:01 am

बिलासपुर की बिरोजा फैक्टरी में डंप पड़ी है तीन हजार लीटर खेप, वर्कर यूनियन ने कई मांगों समेत प्रबंध निदेशक के सामने रखा मामला

बिलासपुरबिलासपुर की बिरोजा एवं तारपीन फैक्टरी में काफी समय से डंप तारपीन को उपयुक्त बाजार नहीं मिल पा रहा। मार्केट डाउन होने से फैक्टरी में इस समय दो लाख 31 हजार लीटर तारपीन जमा है, जिसकी कीमत तीन करोड़ रुपए बनती है। वर्कर यूनियन ने लंबित मांगों के साथ ही यह मसला प्रबंध निदेशक पवनेश कुमार शर्मा के समक्ष रखा है। सोमवार को वन विकास निगम के प्रबंध निदेशक पवनेश कुमार फैक्टरी के विजिट के लिए पहुंचे और प्रबंधक व सहायक प्रबंधक समेत अन्य अधिकारियों से वस्तुस्थिति जानी। इसके बाद वर्कर यूनियन के अध्यक्ष बाबू राम चौधरी के साथ बैठक भी की। बाबू राम चौधरी ने बताया कि बैठक में 21 सूत्री मांग पत्र पर चर्चा की गई। इसके तहत फैक्टरी कर्मचारियों की लंबित पड़ी मांगें वन निगम मुख्यालय द्वारा समय पर लागू नहीं की जा रही। इन मांगों को महाप्रबंधक द्वारा लागू करने के लिए सात-आठ माह पहले मुख्यालय भेजा गया है। यूनियन ने कड़ा रुख अपनाते हुए चेतावनी दी है कि अगर शीघ्र इन मांगों को समय रहते लागू नहीं किया गया, तो यूनियन धरना-प्रदर्शन करने पर मजबूर हो जाएगी, जिसकी सारी जिम्मेदारी मुख्याधिकारी की होगी। बाबूराम चौधरी ने बताया कि बैठक में चर्चा की गई कि फैक्टरी लगभग तीन माह से बंद है। इसका मुख्य कारण तारपीन तेल का न बिक पाना है, क्योंकि तारपीन तेल की जो कंपनियां खरीद करती थी, वे अब खरीद नहीं कर रही। फैक्टरी के सभी कर्मचारी इस दौरान फैक्टरी की मरम्मत व साफ-सफाई में लगे हुए हैं, क्योंकि लगभग तीन-चार साल से फैक्टरी लगातार चल रही थी, जो फैक्टरी की हर साल मरम्मत होती थी, वह नहीं हो पाई थी। इस कारण बिरोजे के उत्पादन में फर्क पड़ रहा था। बाबूराम चौधरी ने बताया कि कारखाना में स्थायी महाप्रबंधक का न होना भी चिंता का विषय है, क्योंकि फैक्टरी कर्मचारियों के कई प्रकार के वित्तीय लाभ रुके पड़े हैं।

सरकार से मांग, भरें महाप्रबंधक का पद

प्रबंध निदेशक ने यूनियन के पदाधिकारियों के साथ लंबित पड़ी मांगों पर गहनता से चर्चा की है और आश्वासन दिया कि लंबित पड़ी मांगें तुरंत लागू की जाएंगी। इसके साथ ही यूनियन ने प्रदेश सरकार से मांग की कि कारखाने में महाप्रबंधक के रिक्त पड़े पद शीघ्र भरे जाएं, ताकि कर्मचारियों को राहत मिल सके। इस अवसर पर यूनियन के सचिव भोला दत्त, मुख्य सलाहकार नरेश कुमार, सलाहकार रामलाल सुमन, वरिष्ठ उपप्रधान प्यार सिंह, उपप्रधान जगदीश राम शर्मा, संसार चंद व सुशांत सहित अन्य पदाधिकारियों ने अपने अपने सुझाव रखे।


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