दूसरी जलेब…शान से निकले राजमाधव
अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव के चौथे दिन आईपीएच मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने बतौर मुख्यातिथि की शिरकत, देवध्वनियों के बीच झूमे हजारों भक्त
मंडी-अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव-2020 में एक बार फिर से राजाओं के समय से चली आ रही शिवरात्रि महोत्सव की पारंपरिक जलेब का आयोजन मंगलवार को पूरी शान-ओ-शौकत के साथ किया गया। मंगलवार को बादलों के बीच शिवरात्रि महोत्सव की मध्य जलेब पूरे धूमधाम से निकाली गई। मध्य जलेब को देखने के लिए भी हजारों लोग उमडे़ और देवता देवलुओं ने देव ध्वनियों पर खूब नृत्य किया। शिवरात्रि महोत्सव की मध्य जलेब में प्राचीन परंपरा के अनुसार देवी देवताओं के साथ राजमाधव पालकी में सवार होकर निकले। पालकी में सवार राज माधव का दृश्य देखते ही बनता था। भगवान को अपनी आंखों के सामने देखकर हजारों लोगों के सिर अपने आप ही श्रद्धा से झुक गए। वहीं जलेब में देव धुनों पर देवताओं संग देवलुओं ने भी खूब नृत्य किया। मंगलवार को एक फिर छोटीकाशी मध्य जलेब के आयोजन से आस्था के महाकुंभ में बदली नजर आई। राजमाधव मंदिर से लेकर पड्डल मैदान तक लोगों ने मध्य जलेब में का आनंद लिया। वहीं दूसरी जलेब में प्रदेश के आईपीएच मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर बतौर मुख्यातिथि मौजूद रहे। उन्होंने शिवरात्रि की परंपरा के अनुसार पगड़ी धारण करने के पश्चात राजदेवता माधवराय के मंदिर में पूजा अर्चना की। इसके बाद वह अन्य मेहमानों के साथ जलेब में शामिल हुए। वहीं जलेब में मंडी जनपद के विभिन्न क्षेत्रों के देवी-देवताओं के साथ देवलुओं ने ढोल-नगाड़ों की धुन पर नाचते-गाते हुए रंग जमाया। जलेब में सभी देवी देवता अपने क्रम के अनुसार चले। दूसरी जलेब में भी सैंकड़ों की तादाद में देवलू शामिल हुए। मध्य जलेब में भी देवलुओं का उत्साह देखते ही बनता था। देवलुओं ने झूम झूम कर खूब नृत्य किया। कई देवलू तलबारों को हाथ में लेकर नाचे। वहीं देवलुओं संग देवी देवता भी झूमते हुए नजर आए। जलेब में देवता छानणू-झमाहूं की जोड़ी ढोल नगाड़ों की लय पर झूमते हुए सबसे आगे चल रही थी। इसके पश्चात सराज, सनोर-बदार क्षेत्र के देवता जो रियासत काल से अपने-अपने क्रम के अनुसार राजदेवता की जलेब में शामिल हुए। जिनमें देव शुकदेव ऋषि थट्टा और शुकदेव ऋषि घाटीहाड़, देव मार्कंडेय कोटलू, देवी अंबिका डाहर, देव मतलोड़ा, देव गणपति, चुंजवाला, मगरूमहादेव, चपलांदू नाग और वायलानाग शामिल हुए। जबकि राजदेवता माधोराय की पालकी के ठीक आगे सनोरघाटी की भगवती अंबिका नाऊ चल रही थीं। वहीं इसके बाद पडउल मैदान में मेला कमेटी के अध्यक्ष उपायुक्त मंडी ऋग्वेद ठाकुर ने मुख्यातिथि को स्मृति चिन्ह व शाल भेंटकर उनका स्वागत किया। जलेब के समापन के बाद पड्डल मैदान में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी पेश किए गए।
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