नारकंडा स्कूल में बर्फ, एक भी एडमिशन नहीं
तीन फुट से ज्यादा मोटी परत; ठंड से कांप रहे छात्र और शिक्षक, प्रार्थना सभा को भी जगह नहीं
मतियाना – प्रदेश शिक्षा विभाग द्वारा वैसे तो 12 फरवरी से शीतकालीन अवकाश वाले स्कूलों को खोल दिया गया है, लेकिन अभी भी प्रदेश के अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में कुछ स्कूल ऐसे हैं, जहां पर तीन से चार फुट तक बर्फ की मोटी परत जमी हुई है। बच्चों को स्कूल पहुंचने में बड़ी परेशानियां उठानी पड़ रही हैं। जिला शिमला की स्नो सिटी नारकंडा के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला परिसर में अभी भी तीन फु ट से ज्यादा बर्फ जमी हुई है, जिस कारण से एक सप्ताह बीत जाने पर भी अभी तक किसी बच्चे ने दाखिला नहीं लिया है। बर्फ के कारण शिक्षकों सहित दसवीं तथा जमा दो कक्षा के छात्र-छात्राओं को बड़ी परेशानी हो रही है। फिलहाल स्कूल के प्लेग्राउंड में मॉर्निंग असेंबली करने लायक जगह नहीं है और अगर बिजली चली जाती है, तो स्कूल में हाथ सेंकने को लगे हीटर भी बंद हो जाते हैं। स्कूल परिसर में धूप भी कम समय तक ही रहती है, जिस कारण से यहां पर कड़ाके की ठंड होती है और बर्फ भी जल्द नहीं पिघलती है। स्कूल के लिए आने-जाने वाले रास्ते में बर्फ के ढेर लगे हैं। नगर पंचायत और स्कूल प्रबंधन द्वारा बर्फ हटाकर पैदल मार्ग तो बनाया गया है, लेकिन बर्फ जमी होने के कारण बच्चों के गिरने का खतरा बना रहता है। शिक्षकों और अभिभावकों को अभी आयोजित होने वाले बच्चों के प्रैक्टिकल और परीक्षाओं के बारे में चिंता सता रही है कि कड़ाके की ठंड में कैसे बच्चे पेपर कर पाएंगे। बताते चलें कि इस वर्ष नारकंडा में भारी बर्फबारी हुई है, जिस कारण से अभी भी यहां के शैडी पोर्शन में तीन फुट से ज्यादा बर्फ जमी हुई है, जिसको पिघलने में काफी समय लग जाएगा।
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