पंजीकृत श्रेणी से बाहर होंगे 24 देवी-देवता!

By: Feb 18th, 2020 12:30 am

अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में कई सालों से न आने पर प्रशासन ने दिया नोटिस

मंडी – अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में वर्षों से नहीं आ रहे देवी-देवताओं को लेकर प्रशासन शीघ्र ही बड़ा फैसला कर सकता है। ऐसे देवी-देवताओं को पंजीकृत देवी-देवताओं की श्रेणी से हटाया जाएगा। प्रशासन ने 24 देवी-देवताओं को पंजीकृत की श्रेणी से हटाने की तैयारी कर ली है। ये देवी-देवता वर्षों से शिवरात्रि महोत्सव में नहीं आ रहे हैं। इनमें कुछ सर्वमान्य व प्राचीन देवी-देवता हैं, तो कुछ लोगों के घरों के व्यक्तिगत ठाकुर व देवता हैं। कुछ दिन पहले ही सर्व देवता कारदार समिति ने प्रशासन से ऐसे सभी देवताओं को पंजीकृत देवी-देवताओं की श्रेणी से हटाने की मांग की थी, जिसके बाद प्रशासन ने इन सभी की प्रबंधन कमेटियों को नोटिस जारी किए हैं और उनसे जवाब मांगा। इसमें से कई देवी-देवताओं की तरफ से जवाब आ चुके हैं, जबकि कुछ कमेटियों के जवाब अभी प्रशासन के पास नहीं पहुंचे हैं। हालांकि सूत्रों के मुताबिक प्रशासन ने ऐसे देवी- देवताओं को पंजीकृत श्रेणी से हटाने का फैसला कर लिया है। इन्हें हटाए जाने के बाद नए देवी-देवताओं को भी पंजीकृत किया जा सकेगा। नए देवी-देवताओं को पंजीकृत करने की मांग भी लंबे समय से चली आ रही है। गौर हो कि 1992 के बाद किसी भी देवी-देवता को शिवरात्रि महोत्सव के लिए पंजीकृत नहीं किया गया है। बता दें कि वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में 216 देवी-देवता पंजीकृत हैं। 1954 में हालाकि पंजीकृत देवी-देवताओं की संख्या 54 थी, लेकिन समय के साथ इनमें वृद्धि होती गई। पिछले वर्ष शिवरात्रि महोत्सव में 192 देवी-देवताओं ने शिरकत की थी। नहीं आ रहे देवी-देवताओं को लाने के लिए शिवरात्रि महोत्सव आयोजन समिति व सर्व देवता कारदार समिति पिछले लंबे समय से प्रयास कर रही है, जिसकी वजह से पराशर ऋषि, मगरू महोदव, चपलांदू नाग, बिठ्ठू नारायण और वायला नारायण जैसे प्राचीन देवी-देवता आना शुरू हुए हैं, लेकिन बड़ी संख्या में ऐसे और भी प्राचीन देवी-देवता हैं, जो कि वर्षों से शिवरात्रि महोत्सव में नहीं आ रहे हैं। उधर, उपायुक्त मंडी ऋगदेव ठाकुर ने बताया कि शिवरात्रि वर्षों से नहीं आ रहे देवी-देवताओं को पंजीकृत श्रेणी से हटाने की मांग देवता समिति ने की है। सभी समितियों को नोटिस देकर जवाब मांगा गया है। सबके जवाब आने के बाद इस पर निर्णय लिया जाएगा।

पंजीकृत के लिए प्रशासन करता है व्यवस्था

शिवरात्रि महोत्सव में यूं तो 300 से अधिक देवी-देवता पहुंचते हैं, लेकिन प्रशासन द्वारा सिर्फ 216 देवी-देवताओं को निमंत्रण भेजा जाता है। इनकी सुरक्षा से लेकर सारी व्यवस्था प्रशासन करता है। पंजीकृत देवी-देवताओं को नजराने के साथ ही उनके ठहरने व देवलुओं के भोजन की व्यवस्था प्रशासन द्वारा की जाती है। देवताओं के बंजतरियों को मानदेय भी दिया जाता है, जबकि बाकी देवताओं को कुछ नहीं मिलता है।

ये देवी-देवता नहीं हो रहे शामिल

अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव से कई प्राचीन देवी-देवता दूरी बनाए हुए हैं। कुछ किसी विवाद के चलते नहीं आ रहे, तो कई समितियों के बीच अपने विवाद चले हुए हैं। किगस नारायण, चंडिया ज्वालापुर, बरनाग ज्वालापुर, खांदला का नारायण, बैणी का गैहरी, कासला का द्रंग, छोटी हडिंबा, बड़ी हडिंबा गुम्मा, हडिंबा दं्रग और देव चकनोली के अलावा कई ठाकुर व देवता इस लिस्ट में शामिल हैं।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App