पाठकों में संस्कार भी विकसित करती हैं किताबें

By: Feb 28th, 2020 12:01 am

सुंदरनगर – नेशनल बुक ट्रस्ट ऑफ इंडिया की पुस्तकें, जहां पठनीयता का माहौल बनाती हैं, वही पुस्तकें शिक्षित करने के अलावा पाठकों में संस्कार भी विकसित करती है। ये उद्गार चार दिवसीय नवसाक्षर सृजन कार्यशाला के शुभारंभ पर मुख्य अतिथि एमएलएसएम कालेज के प्राचार्य डा. अजय कपूर ने व्यक्त किए। कार्यशाला में नेशनल बुक ट्रस्ट ऑफ  इंडिया के हिंदी संपादक व नोडल अधिकारी हिमाचल प्रदेश डा. ललित किशोर मंडोरा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में यह दूसरी कार्यशाला है। इससे पहले करीब दो दशक पूर्व सोलन में कार्यशाला का आयोजन किया गया था। उन्होंने कहा कि ट्रस्ट ने हिमाचल में पुस्तक मेलों का आयोजन कई बार किया है, जिसमें धर्मशाला, शिमला, मंडी व कुल्लू प्रमुख रूप से शामिल है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में पुस्तक उन्नयन की दिशा में और भी बेहतर कार्यक्रम किए जाएंगे। डा. मंडोरा ने बताया कि ट्रस्ट ने अब तक हिमाचल प्रदेश के अनेक ख्यातिप्राप्त रचनाकारों को प्रकाशित किया है, जिनमें श्रीनिवास जोशी, सुदर्शन वशिष्ठ, प्रत्यूष गुलेरी, पीयूष गुलेरी, गौतम शर्मा, सुशील कुमार फुल्ल व सूरत ठाकुर प्रमुख तौर पर शामिल है। ट्रस्ट की कोशिश है कि अधिक से अधिक संख्या में रचनाकारों को न्यास से जोड़ा जाए।


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