पुरानी पेंशन बहाली को लेकर सड़कों पर उतरे शिक्षक

By: Feb 21st, 2020 12:20 am

शिमला  – छात्रों को शिक्षा का पाठ देने वाले शिक्षकों ने भी अब सड़को पर उतरकर अपनी मांगों को लेकर आंदोलन का रुख अपना लिया है। पुरानी पेंशन बहाली को लेकर लम्बे समय से संघर्षत प्राथमिक शिक्षकों ने गुरूवार को शिमला के चौड़ा मैदान में प्रदर्शन किया तथा प्रदर्शन के माध्यम से प्रदेश सरकार से पुरानी पेंशन बहाली की मांग की। चौड़ा मैदान में प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों ने इस दौरान हिमाचल राजकीय प्राथिक शिक्षक संघ के बैनर तले प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से आये शिक्षकों ने चौड़ा मैदान से शिक्षा निदेशालय तक न्यू पेंशन स्कीम के विरोध में मार्च किया। शिक्षा निदेशक के माध्यम से हिमाचल प्रदेश प्राथमिक अध्यापक संघ ने राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री सहित मुख्यमन्त्री को ज्ञापन भी सौंपा। हिमाचल राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष हेमराज ठाकुर ने कहा कि प्राथमिक शिक्षक संघ लम्बे समय से पुरानी पेंशन बहाली को लेकर संघर्ष कर रहा है। प्रदेश सरकार उनकी मांगों को अनसुना कर रही है। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ के आह्वान पर प्रदेश भर के कुछ शिक्षक मांगों को लेकर सड़कों पर उतरे हैं, तथा सरकार को सांकेतिक धरने के माध्यम से चेताना चाहते है। उन्होंने कहा कि प्राथमिक शिक्षक संघ नई पेंशन स्कीम का विरोध करती है तथा साथ ही पुरानी पेंशन बहाली की मांग करता है। उन्होंने कहा कि नई पेंशन स्कीम से शिक्षकों को कोई लाभ नही है,उसके अनुसार शिक्षको को मात्र 500 से 1000 रुपये तक पेंशन लगेगी। जबकि इसके विपरीत विधायक एक दिन की शपथ के पश्चात पेंशन का हकदार है तो शिक्षक तो पूरे 60 वर्ष कार्य करता है। उन्होंने कहा कि अगर विधायक व मंत्रियों की पेंशन बन्द कर दी जाए तो वह भी अपना आंदोलन समाप्त कर देंगे। हेमराज ठाकुर ने कहा कि प्राथमिक सहायक अध्यापकों को भी 18 वर्ष बाद भी रेगुलर नहीं किया जा रहा है, यहां तक कि उन्हें वेतन भी अलग दिया है रहा है जो बिल्कुल गलत है, वहीं उन्होंने राज्य में तबादला एक्ट लाने का भी विरोध करते हुए कहा कि उनके लिए एक्ट के स्थान पर पालिसी बनाई जाए, जिसमे शिक्षकों की भी राय ली जाए। उन्होंने कहा कि शिक्षकों का शोषण किया जा रहा है। शिक्षकों की चुनाव में डयूटी लगाई जाती है तथा छुट्टियों में भी इलेक्शन की लिस्ट बनाने का कार्य करवाया जाता है, जिसका उन्हें कोई लाभ नहीं दिया जाता। उन्होंने कहा कि आज शिक्षक सांकेतिक धरना दे रहे है, अगर उनकी मांगों को माना नही गया तो वह भूख हड़ताल व उग्र आंदोलन से भी पीछे नही हटेंगे। अपनी मांगों को लेकर शिक्षक 21 से 27 फरवरी तक दिल्ली जे जंतर मंतर पर अपनी मांगों के9 लेकर प्रदर्शन करेंगे।


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