पैसे न दिए तो कटेगा बिजली-पानी

By: Feb 26th, 2020 12:20 am

कचरा शुल्क न देने पर नगर पंचायत गगरेट ने लोगों को चेताया, मनमर्जी पढ़ेगी महंगी

गगरेट-नगर पंचायत गगरेट द्वारा तरल एवं ठोस कचरा प्रबंधन के तहत घरद्वार से कचरा एकत्रित करने की एवं में हर घर से तीस रुपए प्रति माह वसूले जाने का विरोध नगरवासियों को भारी भी पड़ सकता है। राष्ट्रीय हरित प्राधकिरण के आदेश पर ही नगर निकायों में तरल एवं ठोस कचरा प्रबंधन के लिए यह आदेश जारी किए गए हैं। अगर कोई व्यक्ति घर द्वार से कचरा उठाने पर तय शुल्क देने से मना करता है तो नगर पंचायत प्रशासन की संस्तुति पर उस घर का बिजली व पानी का कनेक्शन भी काटा जा सकता है। यही नहीं बल्कि ऐसे व्यक्ति को अन्य सरकारी सुविधाओं से भी वंचित होना पड़ सकता है। नगर निकायों को प्रदूषण रहित बनाने के लिए राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण द्वारा ही नगर निकायों को तरल एवं ठोस कचरा प्रबंधन करने के आदेश जारी किए गए हैं और इन आदेशों के आधार पर ही नगर निकाय गीले व सूखे कचरे को अलग-अलग एकत्रित करने के लिए घरद्वार से कचरा उठा रहा है। घर द्वार से कचरा उठाने की एवज में नगर निकायों द्वारा तीस रुपए प्रति माह प्रत्येक घर से शुल्क लिया जा रहा है। हालांकि सोमवार को नगर पंचायत गगरेट के वार्ड नंबर-चार के वाशिंदों ने कचरा उठाने की एवं में तीस रुपए देने से साफ इनकार कर दिया है। चाहे नगर पंचायत उनके घर से कचरा उठाए या फिर न उठाए। इस ऐलान ने नए विवाद को खड़ा कर दिया है। हालांकि तरल एवं ठोस कचरा प्रबंधन को सफलतापूर्वक क्रियांवित करने के लिए कई नियम भी बनाए गए हैं। नियमानुसार अगर कोई व्यक्ति कचरा उठाने की एवं में लिया जाने वाला शुल्क देने से इंकार करे तो पहली बार उसका चालान कर अढ़ाई सौ रुपए जुर्माना वसूल किया जा सकता है तो दूसरी बार चालान होने पर उसे पांच रुपए जुर्माना अदा करना होगा। अगर कोई व्यक्ति जुर्माना देने से इंकार करे तो नगर निकाय की संस्तुति पर उसका बिजली व पानी का कनेक्शन भी काटा जा सकता है। अब देखना यह होगा कि ऊंट किस करवट बैठेगा। क्या नगर पंचायत गगरेट के बाशिंदे अपने ऐलान के अनुरूप शुल्क जमा करवाने से मना करते हैं या फिर नगर पंचायत गगरेट को शुल्क एकत्रित करने के लिए नियमों का डंडा उठाना पड़ेगा। नगर पंचायत गगरेट के कनिष्ठ अभियंता राजीव ठाकुर का कहना है कि नगर पंचायत ने मनमर्जी से यह शुल्क नहीं लगाया है बल्कि राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के आदेशानुसार ही तरल एवं ठोस कचरा प्रबंधन को अमलीजामा पहनाया जा रहा है।


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