बीमारी का बहाना बनाकर नहीं होगी शिक्षकों की ट्रांसफर

By: Feb 15th, 2020 12:02 am

पंचकूलाबीमारी का बहाना बनाकर अब टीचर अपनी ट्रांसफर नहीं करवा पाएंगे। उन्हें अपनी बीमारी का पुख्ता सबूत सामने रखना होगा। इसके लिए उन्हें अपनी मैडीकल जांच करवानी होगी। जांच किसी प्राइवेट डाक्टर से नहीं, बल्कि सरकारी अस्पताल में होगी। मेडीकल जांच रिपोर्ट को डीसी की अध्यक्षता में गठित कमेटी अपनी कसौटी पर परखेगी। सबकुछ ओके होने के बाद रिपोर्ट शिक्षा विभाग के मुख्यालय भेजी जाएगी तभी उनकी ट्रांसफर पर फैसला लिया जाएगा। शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी सूची में 18 बीमारियों को रखा गया है। इन बीमारियों के आधार पर ही शिक्षकों को ट्रांसफर मिलेगी। इस सूची में कैंसर, हृदय, ब्रेन स्ट्रोक, किडनी प्रत्यारोपण, लिवर सहित 18 बीमारियों को शामिल किया गया है। इन सभी बीमारियों का स्वास्थ्य विभाग की ओर से जांच के बाद प्रमाण पत्र दिया जाएगा। तबादले के लिए अब शिक्षकों का कोई बहाना काम नहीं करेगा। अगर शिक्षक वास्तव में बीमार है और उसे अपने घर के नजदीक स्कूल में अपना ट्रांसफर करवाना है तो उसका काम हो जाएगा। पहले शिक्षक मनमाने तरीके से कोई कोई बहाना बनाकर या सिफारिश लगाकर अपने मनपसंद या घर के नजदीकी स्कूल में तबादला करवा लेते थे, मगर अब ऐसा नहीं चलेगा। ट्रांसफर के लिए सबसे पहले टीचर को आवेदन करना होगा। आवेदन फार्म की जांच की जिम्मेदारी शिक्षा विभाग के अधिकारियों को सौंपी जाएगी। अगर कोई शिक्षक किसी भी गंभीर बीमारी के आधार पर अपने तबादले के लिए आवेदन करता है तो कागजात को जिला शिक्षा अधिकारी और जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी के पास जमा करवाना होगा। सबकुछ ठीक पाए जाने के बाद फाइनल रिपोर्ट उपायुक्त के पास दी जाएगी। इसके आधार पर मेडिकल रिकार्ड और मरीज शिक्षक की जांच सिविल अस्पताल में करवाई जाएगी। सबकुछ सही पाए जाने के बाद प्रमाण पत्र विभाग को सौंपना होगा। इसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। जिला उपायुक्त, सिविल सर्जन और शिक्षा विभाग के अधिकारियों को बीमारी के संबंध में पुख्ता सबूत दिखाने होंगे। इसके बाद ही उन्हें तबादले के लिए मुख्यालय से स्वीकृति मिलेगी।


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